फर्जी डिप्टी पुलिस कमिश्नर बनकर फ़ोन पर सुघर सिंह पत्रकार को मिली परिवार समेत गोली मारने की धमकी. बीते वर्ष भी दो बार मिली थी धमकी,थाना सैफई में हुआ था मुकदमा दर्ज, एक मे चार्जसीट प्रेषित, दूसरे में फर्जी पते से खरीदी गई थी सिमकार्ड सैफई ( इटावा) इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया वेलफेयर एसोसिएशन के उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष सुघर सिंह पत्रकार सैफई को पिछले एक सप्ताह से 6 अज्ञात मोबाइल नंबरों से परिवार समेत जान से मारने की धमकी दी गई। धमकी देने वाले अपराधी इस तरह निर्भीक हैं कि उन्होंने ट्रूकॉलर पर डिप्टी पुलिस कमिश्नर राजेश का फोटो लगाकर पुलिस कमिश्नर के नाम से परिवार समेत गोली मारने की धमकी दी है थाना सैफई पुलिस ने अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया है। न ही पीड़ित को सुरक्षा दी है। पीड़ित सुघर सिंह पत्रकार ने बताया कि मेरे मोबाइल नंबर 9457262323 पर धमकी देने वालों के नंबर (1) 8979947062, (2) 6375295219 (3) 8218185432 (4) 8630879262, (5) 9646416132, (6) 720621600 है। इन नंबरों से गंदी गंदी गाली व गोली मारने की धमकी परिवार समेत जान से मारने की धमकी दी जा रही है। उक्त नंबर का कॉल रिकॉर्डिंग, व sms का स्क्रीनशॉट पुलिस को दे दिया गया है। धमकी देने बालों से मेरे द्वारा दूसरे मोबाइल नंबर 7078477771 से फोन करके जानकारी की गई तो पुनः अभियुक्तों ने गंदी गंदी गाली व जान से मारने की धमकी दी। उक्त सभी मोबाइल से दिनाँक 19/08/2023 से 25/08/2023 तक लगातार गाली व धमकी दी गयी है। धमकी व गाली सबसे पहले सचिन नाम की इंस्टाग्राम आईडी से दी गयी। 6375295219 मोबाइल नंबर से डिप्टी पुलिस कमिश्नर राजेश के नाम व ट्रूकॉलर पर फर्जी पुलिस अधिकारी का नाम व फ़ोटो प्रयोग करके फ़ोन करके परिवार समेत जान से मारने की धमकी दी गयी। उक्त अभियुक्त बहुत ही शातिर है। और अपना नाम पता तक नही बता रहे है। सुघर सिंह पत्रकार ने बताया के एसएसपी इटावा तत्काल मुझे मेरे परिवार को सुरक्षा उपलब्ध कराएं अन्यथा मेरी हत्या हो सकती है। साथ ही मुकदमा पंजीकृत करने का आदेश थाना अध्यक्ष सैफई को दें। उन्होंने कहा मेरे द्वारा जिन अपराधियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है उन मुकदमों में समझौता करने के लिए अपराधी धमकी दिला रहे है। पूर्व में भी धमकी देने के दो मुकदमे सैफई थाने में पंजीकृत कराये जा चुके हैं जिसमें एक में चार्जसीट जा चुकी है दूसरे मुकदमे में अपराधी का पता लगना मुश्किल रहा है क्यों कि अपराधी ने पूर्व में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस पर सिम ली गई है और अपराधी का पता फर्जी पाया गया है वह सिर्फ अपराध करने के लिए सिम का प्रयोग करता है। अपराधी सिम का प्रयोग सिर्फ धमकी देने के लिए करता है पुलिस की जांच में यह खुलासा हो चुका है।

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