सैफई में लेखपाल के भ्रष्टाचार को लेकर भाकियू पदाधिकारियों से हुई तहसीलदार की झड़प

(सुघर सिंह इटावा ब्यूरो)इटावा। सैफई में लेखपाल के भ्रष्टाचार की शिकायत को लेकर भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों और तहसीलदार में झड़प हुई। जब तहसीलदार ने धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा के उल्लंघन की बात की तो मामला और बढ़ गया। लेखपाल के भ्रष्टाचार को लेकर सैफई तहसील में विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन देने के लिये पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों एवं तहसीलदार में जमकर झड़प हुई। लेकिन बाद में मामला निपट गया तथा आइंदा नियमों के पालन की हिदायत की गई। मालूम हो कि है भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष संजीव किसान,एवं तहसील अध्यक्ष जनवेद किसान अपने पदाधिकारियों के साथ एसडीएम के नाम ज्ञापन देने पहुंचे थे।तहसील में मौजूद तहसीलदार जगदीश सिंह किसान यूनियन के पदाधिकारियों को धारा 144 का हवाला दिया। कहां आप लोग इतनी बड़ी संख्या में अंदर नहीं आ सकते हैं जिस पर यूनियन के सदस्य भड़क गए और जमकर तहसील परिसर में नारेबाजी की। करीब घंटे भर तक तहसील में हंगामा रहा और तहसीलदार और किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष संजीव किसान के बीच झड़प होती रही बाद में मामला शांत कराया गया। ज्ञापन में क्षेत्रीय लेखपाल आलोक भदोरिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। लेखपाल आलोक भदौरिया पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं और कहां है जिस लेखपाल पर पूर्व में हल्का क्षेत्र में रिश्वत लेने का आरोप लगाकर हटाया गया था और बाद में अब उसी लेखपाल को उसी क्षेत्र में तैनात किया किया जा रहा। जिसका भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने विरोध किया है। कहां लेखपाल भ्रष्ट है और किसानों के साथ गलत व्यवहार करता है। जबकि तत्कालीन एसडीएम हेम सिंह के समय पूर्व में राजस्व ग्राम हरदोई, राजस्व ग्राम फूलापुर आदि गांव में किसानों से अवैध वसूली व रिश्वतखोरी के कई मामले लेखपाल पर आरोप लगने के बाद क्षेत्र से हटाया गया था। अब वर्तमान समय में वहीं पर तैनात कर दिया गया है। अब लेखपाल वहां बदले की भावना से कार्य कर रहा है जिससे किसानों के साथ अन्याय हो रहा है ज्ञापन में यह कहा गया अगर दो दिन के अंदर लेखपाल को क्षेत्र से नहीं हटाया गया तो वह धरने पर बैठ जाएंगे। भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष संजीव किसान का कहना है शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन देने गए थे लेकिन तहसीलदार ने खुद अभद्रता की है। तहसीलदार को जब ज्ञापन दे रहे थे तो तहसीलदार ने हम पदाधिकारियों से कहा हमारा व एसडीएम मैडम का तो यहां से ट्रांसफर हो गया है आप जिले पर जाकर ज्ञापन दो यहां ज्ञापन से कुछ नहीं होगा। इसी बात को लेकर कहासुनी हुई है। तहसीलदार का ट्रांसफर हो जाने से तहसील में सबसे बड़ा भ्रष्टाचार बड़ा है। तहसीलदार ने यहां रहते हुए इतने भ्रष्टाचार किए हैं इनकी जांच होनी चाहिए न्यायालय के अवकाश के दिन तहसीलदार ने 32 बीघा जमीन का एक पछीय आदेश किया था । जल्द जिलाधिकारी के सामने देकर कार्रवाई की मांग करेंगे।

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