परछाइयों में तेरी रंग मिलाता हूं,
तेरे एहसासों के संग बहा जाता हूं।
तेरा एहसास बडा इंद्रधनुषी जानम,,
तेरे ख्यालो में ही जिया जाता हूँ।।
तेरे सांसों की खुशबू से इतर,
कोई और खुशबू नहीं ले पाता हूं ।.
न जाने कितने गुलशनों में भटका,
हसीन तुझसा फूल नहीं चुन पाता हूं।
महकती आ जाओ कभी मेरी तरफ,
सारी रतिया आंखों में ही गुजार जाता हूं।
तेरी खुशबू से तरबतर अभी तक हूं,
उसके एहसास से ही शर्मा जाता हूं।।
बंदीशें तो तुझ पर भी है बहुत, संजीव,
हवाओं में ही तेरे नाम पैगाम लिख जाता हूं।