कक्षा 1 से 8 तक के मदरसों में छात्रवृत्ति देना सरकार ने किया बंद यह प्रेस नोट आज ही जारी किया गया है कक्षा 1 से 8 तक के सभी शिक्षण संस्थानों में छात्रवृत्ति बंद कर दी गई है जी हां यह कई साल पहले हो चुका है लेकिन कुछ धार्मिक शिक्षण संस्थानों के लिए केंद्र सरकार ने अधिनियम के तहत छूट दे रखी थी जिसमें धार्मिक पाठशालाएं और मदरसे भी आते हैं लेकिन गौरतलब बात यह है कि आज 28 नवंबर 2022 को ही मदरसों के नाम से प्रेस नोट जारी किया गया इस प्रेस नोट में लिखा है कक्षा 1 से आठ तक के सभी मदरसों को स्कॉलरशिप बंद कर दी गई है यानी कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए अब मदरसों में भी छात्रवृत्ति नहीं दी जाएगी इसके अलावा अन्य किसी धार्मिक संस्था का नाम नहीं खोला गया है आखिर यह भेदभाव क्यों इस समय नगर पंचायतों के चुनाव नजदीक हैं इसके साथ ही उपचुनाव चल रहे हैं प्रदेश में इस दौरान ही इस घोषणा को क्यों किया गया कि कक्षा 1 से 8 तक के मदरसों को छात्रवृत्ति देना सरकार बंद कर रही है हालांकि इससे पूर्व योगी सरकार और केंद्र सरकार मदरसों की जांचें करती रही है और फिलहाल में भी मदरसों की जांचे हुई है आखिर मदरसों को ही टारगेट क्यों किया गया बौद्धिक पाठशाला है और अन्य धार्मिक वैदिक पाठशालाओं पर चेकिंग अभियान कब चलाया जाएगा यह सवाल भी जनता की जुबान पर है उनके नाम से प्रेस नोट कब जारी होगा 

यहां बता दें बीजेपी सरकार के मंत्री निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 को भी नहीं मानते नजर आ रहे हैं क्योंकि बाल अधिकार अधिनियम 2009। 26 अगस्त 2009 को संसद में पास हुआ था इसके अध्याय 1 में प्रारंभ में ही लिखा है अधिनियम का संक्षिप्त नाम निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 रखा इसका विस्तार जम्मू कश्मीर राज्य को छोड़कर संपूर्ण भारत में लागू है नंबर पांच पर लिखा है इस अधिनियम की कोई बात मदरसों वैदिक पाठशालाओं और मुख्यता धार्मिक शिक्षा प्रदान करने वाली शैक्षणिक संस्थानों को लागू नहीं होगी यानी बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम को भी सरकार ने ठेंगा दिखा दिया है पांच नंबर पर जो पॉइंट दर्ज है उसमें मदरसे और वैदिक शिक्षण संस्थान धार्मिक शिक्षण संस्थान शामिल नहीं होगे लेकिन मदरसों पर आज यह पाबंदी लागू कर दी गई है कुल मिलाकर यहां यह कहना गलत ना होगा कि सरकार दोहरी राजनीति कर रही है नगर पंचायतों के चुनाव के समय ही इस प्रेस नोट को जारी करना मदरसों की छात्रवृत्ति बंद कर दी गई है संदेश एक समुदाय मैं जाएगा यह जो स्क्रीन पर आप देख रहे हैं यह अधिनियम का वही पेज है जो बाल अधिकार अधिनियम के तहत बनाया गया है इसमें पांच नंबर पर साफ लिखा है कि शिक्षण संस्थान मदरसे और धार्मिक संस्थान इस अधिनियम में नहीं आएंगे लेकिन अब मदरसों को टारगेट कर लिया गया है

सरकार के इस फैसले को लेकर ऑल इंडिया ऑल इंडिया आइडियल टीचर्स एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है इन गरीब बच्चों का शिक्षण कार्य इसी छात्रवृत्ति से होता है जो मदरसा में पढ़ते हैं तो उनका स्कॉलरशिप बंद न किया जाए लेकिन क्या सरकार इस मांग को मानेगी यह तो भविष्य में पता चलेगा आज हमने इस बारे में जब आरपी सिंह डायरेक्टर से बात की तो उन्होंने बताया कि सभी शिक्षण संस्थानों की कक्षा 1 से 8 तक की स्कॉलरशिप बंद कर दी गई है इसमें मदरसे भी शामिल है सुने उनकी और हमारे बीच हुई बात अब सवाल सबसे बड़ा यही है सरकार कानून को ही नहीं माने और मदरसों को ही टारगेट बनाएं आखिर क्यों अन्य सभी धार्मिक संस्थानों का स्कॉलरशिप बंद कर दिया जाए तभी निष्पक्षता नजर आएगी

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