भगवान राम राजा दशरथ के पुत्र नहीं थे संजय निषाद ने कहा इस आपत्तिजनक टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं आया है जबकि भारतीय जनता पार्टी श्री राम के नाम से ही सत्ता में आई है इस आपत्तिजनक टिप्पणी से साधु संतों ने तो विरोध व्यक्त किया है लेकिन भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया बड़ी बात है कि श्री राम की वल्दियत ही बदल दी गई यानी संजय निषाद ने कहा उन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए बोला कि भगवान राम राजा दशरथ के पुत्र नहीं थे वह श्रृंगी ऋषि के पुत्र थे राजा दशरथ की तीन रानियां थी जिनके कोई संतान नहीं थी राजा दशरथ ने यज्ञ कराया और श्रृंगी ऋषि ने उन्हें खीर खाने को दी जिससे राम का जन्म हुआ संजय निषाद ने कहा क्या कोई खीर खाने पर गर्भवती हो सकती है संजय निषाद आखिर क्या चाहते हैं धार्मिक भावनाएं भड़काते हैं ऐसे लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं होती बड़ा सवाल है

संजय निषाद भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी है वह योगी जी की कैबिनेट में मंत्री भी है निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद राजनीति में अपना बड़ा वर्चस्व बनाए हुए संजय निषाद के बयान से हिंदू समाज की भावनाएं आहत होती हैं लेकिन उन पर कोई फर्क नहीं पड़ा ना ही उन्होंने अभी तक माफी मांगी है और योगी जी की कैबिनेट से भी उन्हें निष्कासित नहीं किया गया है अभी मंत्री पद पर विराजमान है भगवान राम की तोहीन करने वाले ऐसे नेताओं को कैबिनेट में जगह मिली हुई है बड़ा आश्चर्यजनक लगता है

श्राप और दुआ में बहुत असर होता है यह सभी मानते चले आ रहे हैं तो फिर संजय यह क्यों नहीं मानते कि जिस मुनि की दुआ से श्री राम का जन्म हुआ मैं बहुत ही पहुंचे हुए ऋषि थे इस तरह से और भी कई महापुरुषों का जन्म हो चुका है लेकिन भगवान राम पर ही अभद्र टिप्पणी करना उनका यह इशारा किस और ले जा रहा है जो लोग अपने ही महापुरुषों को लांछन लगाने से नहीं चूकते वह दूसरों का क्या सम्मान करेंगे अयोध्या से कई संतों ने योगी जी से निषाद पर कार्रवाई करने को कहा है मांग की है संतों ने कि निषाद को कैबिनेट से बर्खास्त किया जाए लेकिन योगी सरकार ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है निषाद की अभद्र टिप्पणी से भगवान राम की मां को भी उन्होंने नहीं बख्शा है इस पर ओवैसी और कांग्रेस के कई नेताओं ने सरकार से जवाब भी मांगा है कि भगवान राम की शान में इस तरह की गुस्ताखी करना माफी के काबिल नहीं संजय निषाद को सजा दी जाए

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