एक ही दिन में डेंगू से हुई तीन मौतों से थर्राया आसफपुर #मौतों के बाद जागा स्वास्थ्य विभाग, गांव में लगाया हेल्थ कैम्प #सीएमओ ने किया गांव का दौराजिले में पैर पसार रहे डेंगू बुखार ने आसफपुर कस्बे में तांडव मचा दिया है। एक ही दिन में गुरुवार देर रात तक डेंगू बुखार ने तीन लोगों की जान ले ली जिसमे एक बच्चा और एक निजी चिकित्सक की पत्नी शामिल हैं। कस्बे में डेंगू के प्रकोप से इस समय हालात बेकाबू हो चुके हैं और 16 हजार की आबादी वाले इस कस्बे में डेंगू बुखार से पीड़ित लोगों की संख्या तकरीबन पांच सैकड़ा को पार कर चुकी है। अधिकांश मरीज या तो कस्बे के ही निजी चिकित्सकों के यहां इलाज करा रहे हैं या फिर बिसौली चन्दौसी के निजी डॉक्टरों के यहां भर्ती हैं। जिले के आला अधिकारी भले ही खुशनुमा आंकड़े पेश करके अपनी पीठ थपथपाते रहें लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। घर घर मे फैला डेंगू बुखार स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ पंचायत विभाग की भी कलई खोल रहा है। डेंगू के इसी प्रकोप से गुरुवार को कस्बा आसफपुर में तीन लोग अपनी जान गंवा बैठे। डेंगू से पहली मौत कस्बे के ही अनमोल (12) पुत्र हरीशंकर की हुई। बताया जाता है कि अनमोल को कई दिनों से बुखार था जिसका इलाज कस्बे के ही एक निजी चिकित्सक के यहां चल रहा था। कल हालत बिगड़ने पर उसे बरेली ले जाया जा रहा था लेकिन रास्ते मे ही उसने दम तोड़ दिया। दूसरी मौत कस्बे में ही निजी प्रैक्टिस करने वाले बंगाली डॉक्टर सुरजीत सिकदर की पत्नी सुमित्रा (28) की हुई। सुमित्रा को कई दिनों से बुखार था जिसमें डेंगू की पुष्टि हुई थी। मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था जहाँ गुरुवार शाम उन्होंने दम तोड़ दिया। तीसरी मौत कस्वे के ही धर्मदास (60) की हुई। उनको भी डेंगू बुखार की पुष्टि हुई थी। वे टीबी के भी रोगी थे। डेंगू से एक ही दिन में हुई तीन मौतों से कस्बे में हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम शुक्रवार को कस्बा पहुँची और हेल्थ कैम्प लगाकर ग्रामीणों के चेकअप किये। गुरुवार दोपहर बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रदीप वार्ष्णेय ने कस्बे में लगे स्वास्थ्य कैम्प का निरीक्षण किया और अधीनस्थों को डेंगू नियंत्रण हेतु दिशा निर्देश दिए। सीएमओ ने डेंगू से मरे लोगों के घरों में जाकर पीड़ित परिवार को सांत्वना दी। हालांकि गलियों में लगे हुए कूड़े के ढेरों और सड़कों पर बह रहे गंदे पानी पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने आपत्ति जताते हुए इस बाबत पंचायत अधिकारियों से वार्ता करने की बात भी कही। *सीएमओ के दौरे से कस्बे के झोलाछाप डॉक्टरों में हड़कंप मचा रहा। कई झोलाछाप अपने क्लीनिक बन्द कर रफूचक्कर हो गए* *डेंगू से जान गंवाने वाली सुमित्रा देवी के पति सुजीत सिकदर कस्बे में ही प्रैक्टिस करते है। डेंगू के इस भयानक दौर में उन्होंने डेंगू से पीड़ित लगभग एक सैकड़ा लोगों की जान बचाई लेकिन बिडम्बना रही कि अपनी पत्नी की जान नहीं बचा सके। इस बात की लोग व्यापक चर्चा करते दिखे। गुरुवार देर रात वे अपनी पत्नी का शव लेकर बंगाल रवाना हो गए जहां अपने पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।*

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