रिसौली/बदायूं /(पत्रकार आकाशदीप सिंह ) मनुष्य को पुत्र प्राप्ति पर भाग्यशाली समझना चाहिए तथा पुत्री प्राप्ति पर सौभाग्यशाली समझाना चाहिए,यह उदगार रिसौली में गवांदेवत मंदिर पर चल रही भागवत कथा के दूसरे दिन वृंदावन से पधारे आचार्य रविकांत पाठक महाराज ने व्यक्त किए, श्री पाठक ने कथा करने वाले, सुनने वाले, कथा करवाने वाले कैसे होने चाहिए, उन्होंने कहा कि आज के ज़माने में भागवत कथा की बहुत दुर्दशा हो रही है जिन्हें भागवत कथा का एक भी श्लोक नहीं आता बह भागवत कथा कह रहे हैं, उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं को व्यास पीठ पर बैठकर भागवत कथा कहना वर्जित है, मगर वैसे ही कथा करने वाले वैसे ही कथा कराने वाले,, उन्होंने कुंती का मार्मिक प्रसंग सुना भक्तों को भावविभोर कर दिया,, इस पूर्व व्यासपीठ की आरती तथा आचार्य जी महाराज का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया,, इस अवसर पर, पन्नालाल शर्मा, पंडित सोनू शर्मा, बीरेंद्र शर्मा, अनिल कुमार सिंह, वीरेश सिंह, राजेन्द्र सिंह संतोष माहेश्वरी,विनय माहेश्वरी, रामरतन कश्यप, संतोष सिंह अमरपाल सिंह सिसौदिया, छोटे सिंह, पूनेश सिंह,कौशल शर्मा, सहित भारी संख्या में महिलाएं श्रद्धालु उपस्थित थीं

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