गल्ला तो हम कम देंगे,जो करना हो कर लो

लखीमपुर खीरी राशन कार्डों के ऑनलाइन फीडिंग होने के बाद से अभी तक राशन कार्ड धारकों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। राशन कार्ड धारकों को लगातार टरकाया जा रहा है और शिकायत करने पर उन्हें तरह-तरह से कोटेदारों द्वारा परेशान किया जाता है। कहीं-कहीं तो कोटेदारों की दबंगई के चलते ग्रामीण शिकायत करने की भी हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं और यदि ग्रामीण हिम्मत करके शिकायत करते भी हैं तो भ्रष्टाचार के चलते जांचकर्ता कोटेदारों के पक्ष में रिपोर्ट लगा देते हैं, जिसकी वजह से दबंग कोटेदारों के हौंसले काफी बुलन्द हैं। मोदी सरकार ने गरीब अन्न कल्याण योजना के तहत भारत सरकार लगभग करोड़ों लोगों को निशुल्क राशन उपलब्ध करा रही है लेकिन इसका लाभ कोटेदार गरीब राशन कार्ड धारकों का पूरा पूरा नहीं दे रहे हैं ब्लाक फूलबेहड़ के ग्राम पंचायत गंगाबेहड गांव में अपना गल्ला लेने जाते हैं उनमें प्रति यूनिट गल्ला काटता है जब कोई खिलाफ बोलता भी है तो कहा जाता एक व दो यूनिट वालों को पूरा राशन देना पड़ता है। उन्हें क्या कम दे वह तो गरीब है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोटेदार बताता है कि कमीशन व राशन कम देकर अधिकारियों का खर्च निकालकर कुछ रुपये बच जाते हैं। फिर इतना पैसा लगाते हैं। केंद्र सरकार ने कार्ड धारकों को तीन महीने तक राशन मुफ्त कर दिया है, लेकिन कोटेदार गरीबों के राशन पर खुलेआम डाका डाल रहे हैं। जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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