आसफपुर – कस्बे में तैनात लेखपाल को कानून तथा नियमो से कोई सरोकार नहीं है, उसका कहना है कि बह अपनी मनमर्जी से काम करता है, मीडिया कर्मियों को भी हद में रहने की हिदायत दे रहे इस लेखपाल ने पत्रकारिता पर ही सवाल खड़े करते हुए पूछ लिया कि कौन सा कोर्स पूरा किया है ! इस मामले का एक आडियो सामने आने से लेखपाल की दबंगई साफ साफ दिखाई दे रही है, लेखपाल अपने हल्का गांव को खटारा कहता सुनाई दे रहा है, लेखपाल की इस दबंगई से कस्बा के लोगों में लेखपाल के विरुद्ध जबर्दस्त आक्रोश पनप रहा है, बही लोग अधिकारियों से लेखपाल के विरुद्ध कार्यवाही की मांग कर रहे हैं,! गुरुवार को दोपहर एक मूल निवास प्रमाण पत्र को लेकर जब फोन से जानकारी लेने को हल्का लेखपाल से बात की तो लेखपाल आदित्य उपाध्याय भड़क उठे, लेखपाल ने धमकी भरे अंदाज में कहा कि चाहे किसी भी अधिकारी से शिकायत करो कुछ नही होगा, बह डरने वाला नहीं है, लेखपाल ने कहा कि बह अपनी मनमर्जी से काम करता है, लेखपाल ने धमकी भरे अंदाज में कहा कि पुराने बाला लेखपाल नही समझ लेना, नया हूं मेरे काम करने का तरीका ही अलग है, जब लेखपाल से कहा कि वह इस मामले की शिकायत अधिकारियों से करेंगे तो लेखपाल ने कह दिया कि बह किसी से भी डरने वाला नही है, लेखपाल ने आसफपुर गांव को खटारा बता कर अधिकारियों को कोसना शुरु कर दिया, जब लेखपाल का यह आडियो कस्बाईयो तक पहुंचा तो कस्बाईयो में लेखपाल के प्रति गहरा आक्रोश उभरने लगा, जब कि आसफपुर गांव की पहचान स्वतंत्रता आंदोलन के लिए पूरे प्रदेश में में अहम भूमिका निभाने को जाना जाता है, जहा विनोबा भावे, महात्मा गांधी, प्रभुदास गांधी, जैसे स्वतंत्रता के आंदोलनकारियों ने देश की आजादी के लिए यहाँ रह कर लड़ाई लड़ी थी, लेखपाल द्वारा इस गांव को खटारा बताने को लेकर गांव की पूरी आबादी बेहद नाराज है, लोगो का कहना है कि लेखपाल के विरुद्ध कार्यवाही नहीं की गई तो सड़क पर उतर कर क्रमबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा !

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