अतीक अहमद अपराधी को लेकर इतना बवंडर क्यों अतीक अहमद अंसारी जिसको कई नामों से जाना जाता है अतीक डान अतीक माफिया अतीक भूमाफिया अतीक हत्यारा अतीक दुर्दांत अपराधी अतीक बाहुबली आदि दर्जनों नामों से अधिक उसे लोग जानते हैं उस पर लगाए आरोप कई तो साबित ही नहीं हुए और जो साबित हुए उसमें वह सजा काट रहा है लेकिन अब सवाल उठता है क्या उत्तर प्रदेश में अकेला अतीक ही दुर्दांत अपराधी है और भी बहुत बड़े अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं सत्ता का संरक्षण लिए हुए हैं इसके साथ ही कई ऐसे विधायक और सांसद हैं जिन पर सैकड़ों केस चल रहे हैं और वह अपराधी की श्रेणी में आते हैं हत्याएं मर्डर जैसे दर्जनों केस कई विधायकों और सांसदों पर चल रहे हैं उन पर कार्रवाई क्यों नहीं यह प्रश्न सरकार से पूछना तो बनता ही है

फिर आपको बता दें जिस तरह से अतीक की सजा के लिए सरकार अपना क्रेडिट ले रही है यह भी समझ से परे है क्योंकि जो केस विचाराधीन है जो न्यायिक प्रक्रिया में चल रहे हैं उनका फैसला आता रहेगा और आया है लोगों को सजाएं हुई है तो लोग उसकी सजा काट रहे हैं अतीक को भी उसकी सजा मिली और उसे उम्र कैद की सजा हुई है तो इसमें सरकार ने ऐसा क्या कर दिया जो क्रेडिट लेना चाहते हैं अरे यह मामला तो कई सालों से विचाराधीन था लंबित था इसका आज फैसला आया । लेकिन गौरतलब बात यह है अतीक को मध्य प्रदेश से प्रयागराज नैनी जेल के लिए लाया जाता है तो किस तरह का शोर-शराबा किया जाता है लाखों रुपया बर्बाद किया जाता है इस दिखाबे में इसके साथ ही ऐसा माहौल बनाया जाता है कि जैसे अतीक का एनकाउंटर कर दिया जाएगा यानी एक भय का माहौल तैयार कर दिया जाता है इस भय में अतीक भी आ जाता है उसके चेहरे की भी झाइयां उड़ी हुई दिखाई दे रही थी। अब सवाल यह उठता है कि आखिर सरकार को इतना शोर-शराबा करने की इतने दिखावा करने की मीडिया के लिए पूरे दिन खबर चलाने की जरूरत क्यों पड़ी क्योंकि इसका बहुत बड़ा वोट बैंक का खेल है एक विशेष समुदाय में भय व्याप्त करना और दूसरे समुदाय को यह दिखाना कि हम ही हैं हम जिसे चाहे कुचल सकते हैं एक सोची-समझी रणनीति के तहत अतीक को लाया गया गरीब जनता का पैसा पानी की तरह उसकी सुरक्षा में बहाया गया जो इतना बड़ा अपराधी है । यह तो वो लोग हैं गुमनामी के अंधेरे में हमेशा के लिए गुम हो जाने चाहिए लेकिन सरकार उसे किस तरह से पेश करती यह सब कुछ लोगों ने देखा है

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