छिंदवाड़ा: बिजली कंपनियों में आउटसोर्स कर्मचारियों की मांग उचित बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आवाज उठाई है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज को लिखे पत्र में कहा है कि बिजलीकर्मी अपनी समस्याओं और मांगों को लेकर निरंतर हड़ताल पर हैं। विद्युत कर्मचारी संगठनों द्वारा आउटसोर्स कर्मियों के संविलियन, वेतन वृद्धि, 20 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कराये जाने, संविदा कर्मियों के नियमितीकरण, कर्मियों के लंबित हितलाभों के भुगतान, केशलेस मेडिक्लेम पॉलिसी, महंगाई भत्ता सहित अन्य मांगों का उल्लेख पत्र में किया गया है।
सरकार ने वादा नहीं निभाया
पत्र में कमलनाथ ने लिखा है कि कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा अपनी जायज मांगों को लेकर पूर्व में भी हड़ताल की गई थी। इसके बाद सरकार से प्राप्त आश्वासन के बाद हड़ताल को स्थगित किया गया था। इसके बाद भी समय रहते सरकार की ओर से विद्युत कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया गया। सरकार द्वारा कोई समाधानकारक निर्णय नहीं लिये जाने पर कर्मचारी पुन: 21 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पत्र में उल्लेख किया कि बिजली कंपनी में कार्यरत सभी कर्मचारी की सेवायें अति आवश्यक सेवाओं के अंतर्गत आती हैं।
सभी मांगों पर हो विचार
कमलनाथ ने पत्र में लिखा है कि प्रदेश व जिले में बिजली सेवाओं को निर्बाध रूप से जारी रखने में सभी कर्मचारियों की महती भूमिका होती है। सभी कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से जहां एक ओर बिजली की आपूर्ति में बाधाएं उत्पन्न होंगी तो वहीं दूसरी ओर इमरजेंसी सेवाओं के समय भी आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पत्र में उल्लेख किया कि विद्युतकर्मियों द्वारा सेवा शर्तों एवं लाभों के संबंध में मांगें की जा रही हैं, जिन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुये निर्णय लिया जाना चाहिये। यह भी उल्लेखनीय है कि विद्युतकर्मियों के कार्य बहिष्कार एवं आंदोलन करने से प्रदेश की जनता को सुचारू विद्युत व्यवस्था में कठिनाई उत्पन्न होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता।
शिव कुमार संवाददाता दैनिक अच्छी खबर मध्य प्रदेश