उ.प्र. शासन के निर्देश पर प्रदेशव्यापी जीएसटी के सर्वे छापेमारी को अबिलम्ब रोेका जाए – संजीव जयसवाल घूरपुर प्रयागराज स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार संपूर्ण उत्तर प्रदेश के जनपदों, कस्बो,नगरों में जीएसटी विभाग के अधिकारियों द्वारा सर्वे छापों की कार्यवाही विगत 3 दिनों से की जा रही है इस छापामार कार्रवाई के चलते प्रदेश भर के व्यापारी आतंकित एवं दहशत में है इस कार्यवाही से अधिकतर ईमानदार व्यापारियों को इसका खामियाजा उठाना पड़ रहा है। इस प्रकार की सर्वे छापों की कार्यवाही से इंस्पेक्टर राज और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है इस प्रकार की सर्वे छापों की कार्यवाही अधिकारियो द्वारा विगत तीन दिनों से की जा रही है मान्यवर विगत 3 दिनों में विभाग द्वारा जो सर्वे छापों की कार्यवाही की गई है वह केवल जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों पर ही की गई है और सर्वे छापों के द्वारा तकनीकी खामियां दिखाकर दुकान/प्रतिष्ठान को सीज करने की धमकी देकर व्यापारियों पर दबाव डालकर बिना टैक्स एसेसमेंट किए तथा बिना किसी नोटिस के पेनाल्टी के रूप में रकम जमा करवाई जा रही है जो कि पूर्णतया अनुचित एवं व्यापारी का उत्पीड़न है जिससे शासन के प्रति व्यापारी समाज का अविश्वास बढ़ता जा रहा है मान्यवर विगत लगभग तीन दशक पूर्व से व्यापारियों द्वारा किए गए जन आंदोलन के फल स्वरुप प्रदेश एवं केंद्र की सरकारों ने सामान्य सर्वे छापों को बंद कर दिया था केवल कर चोरी की सूचना के आधार पर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा द्वारा ही सर्वे की कार्रवाई की जाती है वर्तमान में इस प्रकार के सर्वे और छापों की कार्रवाई की जा रही है वह सामान्य सर्वे का ही रूप है जो कि जीएसटी की प्रावधानों के विपरीत है जबकि जीएसटी कानून लागू करते समय यह सुनिश्चित किया गया था कि व्यापारी बिना किसी भय एवं दबाव के अपना व्यापार कर सके ना कि सर्वे छापों के द्वारा, व्यापारियों को आतंकित कर उन्हें व्यापार से वंचित करना।मान्यवर जीएसटी कानून के अंतर्गत धारा 67 से धारा 84 तक व्यापारियों के प्रतिष्ठान पर सर्वे चीज करने टैक्स एवं पेनल्टी एवं गिरफ्तार करनें मनमर्जी से टैक्स लगानें के जो प्रावधान दिये गये हैं उन प्रावधानों की आड़ में अधिकारी व्यापारियो का उत्पीड़न कर रहे हैं ,एवं प्रतिष्ठान पर मौजूद प्रपत्रों की अंदेखी कर अपनी मनमर्जी से बिना किसी सत्यापन के कर एव पैनालिटी का आंकलन कर पैनालिटी जमा कराई जा रही है जो कि न्याय संगत नहीं है तथा जीएसटी प्रावधानो के विरूद्ध है इससे व्यापारी समाज में रोष बढता जा रहा है जो कभी भी एक बडे जन आंदोलन का रूप ले सकता है।अतः आपसे अनुरोध है कि शासन की छवि को धूमिल करनें वाले इस जीएसटी की सर्वे छापो की कार्यवाही पर अबिलम्ब रोक लगाकर इसे बंद किया जावे।व्यापारियों को बिना किसी भय एवं आतंक के अपने व्यापार को करनें की सुविधा प्रदान की जावे।