उच्च शिक्षण संस्थानों में फीस वृद्धि के विरुद्ध एसएफआई ने किया प्रदर्शन जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौपा प्रयागराज 09 दिसम्बर, एसएफआई के प्रदेश व्यापी आह्वान के तहत जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करके, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, बीएचयू समेत कई शिक्षण संस्थानों की फीस वृद्धि वापस लेने के सवाल पर एसएफआई जिला कमेटी इलाहाबाद ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी प्रयागराज के माध्यम से भेजा I प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय समेत प्रदेश और देश के तमाम शिक्षण संस्थानों में हुई बेतहाशा फीस वृद्धि की गई है I वर्तमान समय की हमारे प्रदेश और केन्द्र की सरकार द्वारा शिक्षा पर होने वाले सार्वजनिक खर्च में लगातार कटौती की जा रही है साथ ही शिक्षा का निजीकरण एवं व्यवसायीकरण किया जा रहा है। कोरोना के चलते शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। कोरोना महामारी के दौर में सरकार ने आपदा को अवसर में बदलने का फ़ायदा उठाते हुए जनविरोधी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू कर दिया है। इस सन्दर्भ में ना तो समुचित बहस और ना ही शिक्षण संस्थानों, शिक्षाविदों आदि से कोई राय ली गई। नई शिक्षा नीति में शिक्षा पर सार्वजानिक खर्च बढ़ाने पर कोई चर्चा नहीं है। साथ ही शिक्षण संस्थानों को अनुदान देने वाली संस्था यूजीसी के बारे में कोई चर्चा नहीं है। यूजीसी को ख़त्म करने की पूरी तैयारी है। नई शिक्षा नीति का भयानक असर भारी फीस वृद्धि के रूप में दिख रहा है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में चालीस प्रतिशत साथ ही बीएचयू समेत कई शिक्षण संस्थानों में भारी फीस वृद्धि की गई है। इसके खिलाफ़ आंदोलन चल रहा है लेकिन विश्विद्यालय प्रशासन एवं सरकार का रुख इस विषय में पूरी तरह से संवेदनहीन है। गोरखपुर में स्कूल फीस नहीं दे पाने के चलते पिता और दो बेटियों ने आत्महत्या कर ली। यह घटना बहुत ही शर्मनाक है लेकिन प्रदेश सरकार की इस पर कोई प्रतिक्रिया तक नहीं आई। फीस वृद्धि का सबसे बड़ा असर वंचित तबके के छात्र-छात्राओं पर पड़ रहा है। इसमें विशेष तौर से छात्राओं पर सबसे ज़्यादा, जिनकी पढ़ाई छूट रही है। यह हमारे मौलिक अधिकारों का हनन है जो कि संविधान एवं देश विरोधी है। अनुच्छेद 21 जीवन जीने का अधिकार देता है, जिसका मतलब होता है कि गरिमापूर्ण जीवन। इसका मतलब यह है कि देश के किसी भी नागरिक को किसी भी कारण से शिक्षा से वंचित ना होना पड़े I स्टूडेंट्स फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया (एसएफआई) की इलाहाबाद जिला कमेटी आज के अपने प्रदेश व्यापी आह्वान के तहत कार्यालय जिलाधिकारी के समक्ष प्रदर्शन कर मांग किया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय समेत सभी शिक्षण संस्थानों की फीस वृद्धि तत्काल वापस ली जाए। शिक्षा पर खर्च बढ़ाया जाए तथा शिक्षा पर केन्द्रीय बजट का दस प्रतिशत का खर्च किया जाए, छात्र विरोधी नई शिक्षा नीति को रद्द किया जाए। यूजीसी को अपने पुराने स्वरूप बहाल किया जाए। शिक्षा को सभी के लिए सहज और सुलभ बनाया जाए। ज्ञापन देने के दौरान एसएफआई के आशीष, रिचा, प्रगति, खुशबु, अनूप, सूर्या, अंकित, वेदांत, नम्रता, विकास स्वरुप आदि मौजूद रहे।

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