मंदिर में पूजा करने से रोका दलित समाज को

"मंदिर में पूजा करने से रोका गया राजवीर जाटव: जातिगत भेदभाव और पुलिस बर्बरता का शिकार" मुरैना जिले के पोरसा नगर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें राजवीर जाटव, जो रामनगर पोरसा के निवासी हैं, को केवल उनकी जाति के कारण मंदिर में पूजा करने से रोका गया और बाद में पुलिस द्वारा बर्बर तरीके से पीटा गया। यह घटना मंगलवार, 4 फरवरी 2025 को घटित हुई, जब राजवीर पूजा अर्चना करने के लिए मंदिर गए थे। घटना के अनुसार, राजवीर को मंदिर के पुजारी ने जातिगत भेदभाव का शिकार बनाते हुए पूजा करने से मना कर दिया। पुजारी ने राजवीर पर झूठे आरोप लगाए और उनसे मारपीट की। इसके बाद, राजवीर ने इस घटना की शिकायत पुलिस से की और खुद को बचाने के लिए पुलिस स्टेशन पहुंचे। लेकिन यहां भी उनका सामना पुलिसकर्मियों के क्रूर व्यवहार से हुआ। थाना प्रभारी दुर्गेश भदौरिया, सिपाही उपेंद्र भदौरिया और नीरज तोमर ने राजवीर के साथ बेरहमी से मारपीट की, जिसके चलते राजवीर के मुंह, जबड़े और गर्दन में गंभीर चोटें आईं। इस हमले के बाद, राजवीर को ग्वालियर के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है और वह मौत से जूझ रहे हैं। पीड़ित परिवार ने इस घटना के बाद पुलिस अधीक्षक से अपील की है कि मामले में दोषी पुलिसकर्मियों और मंदिर के पुजारी रमेश अग्रवाल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि राजवीर जाटव को न्याय मिल सके और इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हो। इस घटनाक्रम ने स्थानीय समुदाय में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। लोगों ने जातिगत भेदभाव और पुलिस की बर्बरता के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है। नागरिकों का कहना है कि इस प्रकार के अत्याचारों के खिलाफ ठोस कदम उठाए जाने चाहिए ताकि समाज में समानता और न्याय का माहौल बने।

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