संभल हिंसा में चार युवकों की मौत से माहौल गमगीन

संभल हिंसा में चार युवकों की मौत से माहौल गमगीन है लोगों की रक्षा करने बाले ही मासूमों पर गोली चला कर माहौल को बिगाडा जा रहा क्या पुलिस सबूत दे पायेगी जिन लोगों को उसने गोली मारी है बो प्रदर्शन में थे। संभल में हुई हिंसा में तीन युवाओं की मौत हो चुकी है आखिर इस हिंसा को कराने का जिम्मेदार कौन है । यह नफरत के बीज बोने से देश का अमन चैन लूटने बाले लुटेरे आखिर क्या दिखाना चाह रहे हैं। बोटों की राजनीति के लिए भाई से भाई को कटवा रहे हैं। पुलिस बल खुली बरबरता पर उतर आया है उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज है ही नहीं । जब जब प्रशासन बेलगाम हुआ है इतिहास गवाह है लोगों ने अपनी कुर्बानियां देकर अपने देश को नफरत से बचाया है। संभल में हुई घटना में जिन चार लडकों की मारे जाने की खबर है उनके परिजनों को भी पुलिस ने पीएम ऑफिस से भगा दिया । बडा सबाल है पुलिस ने जिन लोगों पर गोली चलाई है क्या बो प्रदर्शन कर रही भीड में सामिल थे। इसका जबाब पुलिस भी नहीं दे पायेगी। क्योंकि पुलिस ने ष्शहर में भय बनाने के लिए रास्ता चलते उन मासूमों को गोलियों से भून दिया जो प्रदर्शन में सामिल ही नहीं थे। बल्कि माहौल खराब होने की बात सुनकर अपने घरों को भाग कर आ रहे थे। बेगुनाहों पर गोलियां चलाने की पावर पुलिस को कहां से मिली यह एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। क्या जरूरत है गढे मुरदे उखेडने की सदियों से लोग संभल की जामा मस्जिद में नमाज पढते आ रहे हैं। कभी कोई विवाद नहीं अब इस सरकार में ही अब यह नौबत क्यों आई । क्योंकि राजनैतिक लोग देश में अमन सुकून नहीं चाहते इसपर मायावती का व्यान भी सामने आया है उन्होने सरकार को जिम्मेदार बताया है। और अखिलेश यादव ने भी बोटों की गडबडी को दबाने के लिए संभल में मस्जिद विवाद को हवा देने की बात कही है। वहीं राकेश टिकेट ने भी सरकार को ही दोशी बताया है। संभल को एक सीएम योगी के आदेशों पर अब छावनी बना दिया गया है बरेली जोन से लेकर मुरादाबाद मंडल की भारी पुलिस बल तैनात कर दी गयी है। मगर क्या बो बेगुनाह लोग जो हिंसा में मारे गये जिन्हें पुलिस ने मारडाला उनको न्याय मिलेगा बहुत सारे सवाल इस घटना से जुडे हुए हैं। इस पूरी घटना में पुलिस गोली चलाती साफ नजर आ रही है वहीं लोगों को चुनौती देता यह साफ नजर आ रहा है पुलिस पर पथराव करते लोग कम पुलिस लोगों पर ईंट पत्थर मारती साफ देखी जा सकती है बहुत बडा खेल है इस घटना में यहां यह भी बता दूॅ जब पुलिस या प्रशासन किसी की आस्था पर हाथ डालेंगे तो शिकायत करने बाले लोग और प्रदर्शन करने बाले तो जमा होंगे ही जब लोग जमा हो गये तो इसे आपने बलबा बना दिया।

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