*वेक्टर जनित - जल जनित रोगों से बचाव एवं उपचार जरूरी - रफत खान*

कादरचौक के सीएचसी के सभागार में माह अक्टूबर 2024 में संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान और संचारी रोगों एवं दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण पर प्रशिक्षण दिया गया, इसमें यूनिसेफ से रफत खान ने बताया की वेक्टर जनित रोगों, संचारी रोगों और दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण और इनका तुरंत एवं सही उपचार सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से है, विगत वर्षों की भांति वर्ष 2024 में भी प्रदेश में संचारी रोगों की रोकथाम हेतु प्रभावी उपाय अपनाते हुए व्यापक अभियान संपादित किये जाने हैं वर्ष 2024 में माह अप्रैल और जुलाई में विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियानों का आयोजन सभी जनपदों में हो चुका है इन अभियानों के वर्ष 2024 के तृतीय चरण की गतिविधियां कार्य योजना बनाकर माह अक्टूबर 2024 में संपादित की जाएंगी संचारी रोग नियंत्रण अभियान दिनांक 1 से 31 अक्टूबर और दस्तक अभियान दिनांक 11 से 31 अक्टूबर 2024 रहेगा। प्रदेश के समस्त जनपदों में दिमागी बुखार और अन्य वेक्टर जनित रोगों और जल जनित रोगों के संबंध में व्यापक जन जागरूकता हेतु दिनांक 11 से 31 अक्टूबर 2024 के बीच दस्तक अभियान आयोजित किया जा रहा है, जिसमें प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर इन बीमारियों के बचाव और उपचार के संबंध में विभिन्न जानकारी देंगे। सभी जनपदों में संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के सभी अंतर्विभागीय गतिविधियां यथावत जारी रहेगी, जिनके साथ-साथ आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गृह भ्रमण कर दिमागी बुखार और अन्य वेक्टर जनित रोगों तथा जल जनित रोगों से बचाव और इसके उपचार के विषय में स्वास्थ्य शिक्षा और आवश्यक जानकारी देते हुए जन जागरूकता का कार्य भी किया जाएगा दस्तक एक व्यापक स्वास्थ्य शिक्षा जागरूकता और सामाजिक एवं व्यावहारिक परिवर्तन संचार रणनीति है जो लोगों के को बचाव और सही समय पर उपचार के संदेश पहुंचाकर उन्हें दिमागी बुखार की समस्या को निपटने के लिए प्रेरित की जाएगी *दस्तक का शाब्दिक अर्थ है दरवाजा खटखटाना*। डॉ अजय कुमार ने बताया कि दिमागी बुखार और अन्य संक्रामक रोगों संबंधित जागरूकता बढ़ाने और बचाव एवं उपचार संदेश के प्रसार में आशा की महत्वपूर्ण भूमिका है वह समुदाय को संवेदीकृत करने और दिमागी बुखार तथा अन्य व्यक्ति जनित रोगों, जल जनित रोगों, क्षय रोग, कुष्ठ रोग, फाइलेरिया एवं काला अजार रोगों से बचाव के लिए बेहतर व्यवहारों को अपनाने के लिए प्रेरित की करेगी वर्तमान परिदृश्य में डायबिटीज, हाइपरटेंशन, क्रॉमिक ऑब्स्ट्रक्टिव, पल्मोनरी, डिजीजेज और कैंसर जैसे नॉन कम्युनिकेबल रोगों के बढ़ते हुए प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुए माह अक्टूबर 2024 के दस्तक अभियान में आशा कार्यकत्रियों प्रतिदिन 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के पांच पात्र व्यक्तियों का नान कम्युनिकेबल डिसीजेज की स्क्रीनिंग हेतु सीबैक फॉर्म पूर्ण कर इन व्यक्तियों की स्क्रीनिंग स्थानीय एसएचओ या एएनएम के माध्यम से कराया जाना सुनिश्चित करेगी संदेश प्रसारित करने के लिए घर-घर संपर्क करने के साथ आशा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर होने वाली गतिविधियों में सहयोग करेगी जैसे मात्रा समूह की बैठक का आयोजन समय-समय पर स्कूल का भ्रमण और शिक्षकों को बच्चों में जागरूकता बढ़ाने में मदद करना, स्वयं सहायता समूह की बैठक करना, मातृ बैठकों का आयोजन करना। शिक्षकों द्वारा अभिभावकों का दिमागी बुखार और अन्य व्यक्ति जनित रोगों और जल जनित रोगों से बचाव रोकथाम और उपचार के लिए संवेदीकरण किया जाए। विशेष कर सुरक्षित पीने का पानी, शौचालय का प्रयोग, खुले में शौच के नुकसान पर जोर देना। हर बुखार खतरनाक हो सकता है, बुखार के कारण क्या है? बुखार होने पर क्या करें? क्या ना करें? के विषय में जागरूक करें। इस ट्रेनिंग में नोडल शिक्षक परमानंद, जमीर अहमद, अनिल कुमार, मोहम्मद अजमल, रूपेंद्र कुमार सिंह, दीक्षा गुप्ता, माधवी शर्मा, कल्पना यादव, टीना यादव, रजा अहमद, साकिब हुसैन, आशीष यादव, वाणी यादव, जितेंद्र सिंह, संदीप कुमार, अरविंद कुमार, सज्जन सिंह, नरेंद्र सिंह, अंकित गर्ग, अजय कुमार, ललित कुमार शर्मा, भगवान सहाय, सुनील कुमार, राकेश कुमार शर्मा, तलत खान, शिवकुमारी शाक्य, भावना बघेल, कृतिका शर्मा, रिंकी शर्मा, कविता, हरिओम, प्रवीण कुमार वर्मा, विजय कुमार, मोहम्मद इरफान अंसारी, कृष्णपाल सिंह, नेहा, राधिका महेश्वरी, मनीषा जादौन, संगीता गुप्ता, ज्योति, नीतू, अंजलि चौहान, बीनू, बृजेश कुमार आदि।

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