*जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बदायूं द्वारा एक दिवसीय शोध कार्यशाला का आयोजन

 


*जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बदायूं द्वारा एक दिवसीय शोध कार्यशाला का आयोजन* 

 नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में अनुभव आधारित एवं प्रयोग आधारित शिक्षण विधियां के प्रयोग को बढ़ावा देने की बात की गई है विभिन्न अध्ययन में यह निकाल कर आया है अनुभव आधारित एवं प्रयोग आधारित वीडियो द्वारा विज्ञान पढ़ने से बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि में बृद्धि होती है एवं उनके द्वारा सीखा हुआ ज्ञान स्थाई होता है राज्य शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बदायूं में प्राचार्य गिरिजेश कुमार चौधरी के निर्देशन में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया ।

उन्होंने कहा कि इस तरह के शोध कार्य परिषदीय विद्यालयों में अध्ययन रत बच्चों में विज्ञान विषय के प्रति रुचि बढ़ेगी और करके सीखने के सिद्धान्त से सीखा गया ज्ञान स्थायी होता है व प्रक्रिया बहुत रोचक होती है। 

   शोध कार्य के द्वारा यह पता लगाया जाएगा कि जमीनी स्तर पर परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक अनुभव आधारित एवं प्रयोग आधारित प्रशिक्षण का उपयोग करते हैं अथवा केवल व्याख्यान विधि का उपयोग करते हैं।

 कार्यक्रम में डायट प्रवक्ता श्रीमती मंजरी सिंह एवं डॉ अमिता सिंह प्रयोग आधारित एवं अनुभव आधारित शिक्षण विधियों पर चर्चा की गई। इस शोध कार्यशाला का उद्देश्य उपकरण का निर्माण करना था। उपकरण निर्माण की प्रक्रिया में जनपद बदायूं के समस्त विकास खण्डों के विज्ञान विषय के ए आर पी द्वारा शोध हेतु उपकरण के निर्माण की प्रक्रिया मैं विभिन्न प्रश्नों का निर्माण किया किया गया।कार्यक्रम का संचालन डायट प्रवक्ता श्री वसीम अहमद द्वारा किया गया कनिष्ठ सहायक दिव्या यादव द्वारा सहयोग प्रदान किया गया।

इस अवसर पर ए आर पी फरहत हुसैन, धर्मेंद्र कुमार, प्रेमानन्द शर्मा ,संजय कुमार,आमिर फारूक,सोमेंद्र सिंह,महिपाल टण्डन, बी पी गौतम,संजीव कुमार,योगेश कुमार,संजीव कुमार,राजीव कुमार, राजेश कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।

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