केन्या में वित्त विधेयक 2024-25 से जनता आक्रोशित

 


केन्या में वित्त विधेयक 2024-25 से जनता आक्रोशित-देशभर में जबरदस्त अशांति का उबाल 


केन्या में नए वित्त विधेयक 2024 -25 में प्रस्तावित करों के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में अफरातफरी मचाई 


पूर्वी अफ्रीकी देश केन्या पर पूरे विश्व की नज़रें-जनता द्वारा टैक्स विरोध प्रदर्शन-संसद भवन अमर्यादित आचरण में तब्दीली पर हैरानी-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया 


गोंदिया - वैश्विक स्तरपर दुनियां का हर देश प्रतिवर्ष अपने देश के विकास की आर्थिक गाथा अपने वार्षिक वित्त विधेयक में लिखता है,जो एक देश के हर विभाग या क्षेत्र या पोर्टफोलियो को चलाने के लिए राशि का आवंटन करता है तथा वह राशि कहां से आएगी उसके उपार्जन के लिए टैक्स सोर्सेस का उपार्जन करता है, जो प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष कर के रूप में मूल रूप से आम जनता से ही वसूली जाती है। प्रत्यक्ष कर तो मध्य व उच्च वर्गों से सीधे उनकी कमाई पर टैक्स लगाकर वसूला जाता है परंतु अप्रत्यक्ष कर जो भारत में जीएसटी याने माल व सेवा कर के रूप में जाना जाता है, उसको लगाकर वसूला जाता है जो गरीब से लेकर अत्यंत गरीब व्यक्ति को भी चुकाना पड़ता है। वैसे अभी भारत में पूर्ण बजट यानी वित्त विधेयक 2024 जुलाई 2024 में लाने की प्रक्रिया शुरू है। आज यह बात हम इस विशेष मकसद से कर रहे हैं क्योंकि दिनांक 25 जून 2024 को इसी वित्तीय विधायक 2024 को पारित किया गया जिसमें अप्रत्यक्ष कर के रूप में ब्रेड, मोबाइल,प्लास्टिक और टायर सेनेटरी टॉवल जैसे अनेक खाद्य पदार्थो सहित अनेक वस्तुओं पर टैक्स अत्यधिक बढ़ाया गया तो स्वाभाविक रूप से जनता आक्रोशित हो गई और प्रदर्शन कारियों में अशांति का ऐसा उबाल आया कि केन्या नरोबी से लेकर हर शहर में तोड़फोड़ मच गई है।आंदोलनकारी जनता द्वारा टैक्स विरोध प्रदर्शन संसद भवन में अमर्यादित आचरण में तब्दील हो गया संसद भवन के एक हिस्से में आग लगा दी गई वहां उपस्थित सांसदों को एक सुरंग के माध्यम से सुरक्षित निकाल लिया गया।इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया पर टीवी चैनलों पर केन्या की स्थिति का मंजर देर रात्रि तक दिखाया जा रहा था, जिससे पूरी दुनियां हैरान थी। मैं भी एक वित्त विधेयक के विरोध में इतना भयंकर प्रदर्शन वह आंदोलन पहली बार देखा हूं इसलिए मैंने आज इस विषय पर आर्टिकल लिखने रिसर्च शुरू किया वह देर रात तक पूरी जानकारी जुटाई चूंकि केन्या में वित्त विधेयक 2024 से जनता आक्रोशित है, देश भर में जबरदस्त अशांति का उबाल है,इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,पूर्वी अफ्रीकी देश केन्या पर पूरे विश्व की नजरे, जनता द्वारा टैक्स विरोध प्रदर्शन संसद भवन मेंअमर्यादित आचरण में तब्दील पर हैरानी हुई। 

साथियों बात अगर हम केन्या संसद में पारित किए गए वित्त विधेयक 2024 के प्रस्तावित करो की करें तो,वित्त विधेयक 2024 में अनेक उत्पादों और सेवाओं पर उच्च कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है, जनता की ओर से इसकी आलोचना की जा रही है। केन्या के लोग मंगलवार को नए वित्त विधेयक के खिलाफ देशव्यापी विरोधप्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं,हालांकि सरकार मसौदा कानून के कुछ प्रावधानों को समाप्त करने पर सहमत हो गई है,जैसे कि ब्रेड, कार, खाना पकाने के तेल और सैनिटरी टॉवल पर कर।वित्त विधेयक 2024, जिसमें उत्पादों औरसेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला पर शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव है, पर केन्याई संसद में बहस चल रही है और सांसदों द्वारा इसपर मतदान किए जाने की उम्मीद है।यह विधेयक केन्या के 2024/25 के बजट का हिस्सा है और सरकारी राजस्व बढ़ाने के साधन के रूप में विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर कर वृद्धि का प्रस्ताव करता है।विधेयक के प्रावधानों में ब्रेड पर 16 प्रतिशत वैट लगाने के साथ-साथ मोबाइल मनी ट्रांसफर पर कर वृद्धि और कारों पर 2.5 प्रतिशत का नया वार्षिक कर शामिल है।विधेयक में पर्यावरण के लिए हानिकारक माने जाने वाले उत्पादों-जैसे पैकेजिंग, प्लास्टिक और टायर-पर इको- टैक्स लगाने का भी प्रस्ताव है, तथा इससे नैपी, सैनिटरी टॉवल, कंप्यूटर और मोबाइल फोन जैसी वस्तुओं की लागत में वृद्धि होगी।अन्य करों में कुछ वित्तीय सेवाओं और विदेशी मुद्रा लेनदेन पर 16 प्रतिशत वैट शामिल है।विधेयक के अंतर्गत डिजिटल मार्केटप्लेस और डिजिटल सामग्री के संचालन से होने वाली आय पर भी कर लगाया जाएगा।राष्ट्रपति ने कहा है कि इन उपायों से 2.7 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त कर प्राप्त होगा, तथा इनका उद्देश्य केन्या की बजट के वित्तपोषण के लिए उधार पर निर्भरता को कम करना है।जीवन-यापन की उच्च लागत से पहले से ही परेशान केन्या वासियों को 2022 में निर्वाचित होने के बाद से वेतन और ईंधन सहित करों में भारी वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है।सरकार ने गरीबों के लिए किफायती मकान बनाने के लिए मासिक आय पर 1.5 प्रशित आवास कर भी लागू किया है तथा जुलाई में उच्च स्वास्थ्य बीमा कर भी लागू होने वाला है।विरोधियों का कहना है कि यह विधेयक कई केन्या वासियों के लिए अंतिम झटका है।हाल के सप्ताहों में, केन्याई लोगों ने मसौदा कानून की ऑनलाइन आलोचना की है। एक ऑनलाइन याचिका को 15 जून को शुरू किए जाने के बाद से 111, हज़ार से अधिक हस्ताक्षर प्राप्त हो चुके हैं ।केन्या भर में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं , जिनमें नैरोबी भी शामिल है,जहां दंगा पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया है।मंगलवार और आने वाले दिनों में और अधिक विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई है, जिसे प्रदर्शनकारी 21-27 जून तक क्रोध के 7 दिन कह रहे हैं।इस विधेयक को केन्या लॉ सोसायटी जैसे नागरिक समाज संगठनों के साथ-साथ निजी व्यापार मालिकों की ओर से भी आलोचना का सामना करना पड़ा है, जिनका कहना है कि यह खुदरा, वित्त, इंटरनेट, परिवहन और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है।मानवाधिकार समूहों ने केन्या के सुरक्षा बलों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध अत्यधिक बल प्रयोग करने का आरोप लगाया है।मानवाधिकार समूहों और पुलिस निगरानी संस्था के अनुसार, पिछले गुरुवार को एक व्यक्ति की मौत हो गई और कम से कम 200 लोग घायल हो गए। 

साथियों बात अगर हम नए वित्त विधेयक 2024 के विरोध में जनता के आक्रोश की करें तो केन्या में मंगलवार को नए टैक्स बिल के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतर आए थे। वे संसद के बाहर लगे बैरिकेड्स को पार कर अंदर घुस गए, जहां सांसद बिल पर चर्चा कर रहे थे। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने संसद में आग लगा दी। इस दौरान पुलिस को फायरिंग भी करनी पड़ी। इसमें कई लोगों की जान चली गई है। इस प्रदर्शन में ज्यादातर युवाओं ने हिस्सा लिया है। संसद में हिंसा के दौरान सांसदों के एक अंडरग्राउंड टनल के जरिए बाहर निकाला गया। प्रदर्शनकारियों ने संसद के परिसर में तोड़फोड़ भी की। केन्या के हजारों प्रदर्शनकारी मंगलवार को संसद में घुस गए।प्रदर्शनकारी टैक्स में बढ़ोतरी का विरोध कर रहे हैं।प्रदर्शनकारियों ने संसद के एक हिस्से में आग लगा दी. आग की घटना के बाद जान बचाने के लिए सभी विधायक संसद से बाहर निकल गए। केन्याई प्रदर्शनकारियों ने प्लान टैक्स में बढ़ोतरी को लेकर राष्ट्रपति विलियम रूटो के इस्तीफे की मांग की,केन्याई प्रदर्शन कारियों ने मंगलवार (25 जून) को राजधानी नैरोबी में पुलिस के साथ झड़प की। पुलिस ने विरोध प्रदर्शन को शांत कराने के लिए आंसू गैस के गोले दागे प्रदर्शन कारियों ने राष्ट्रपति पर आरोप लगाया कि उन्होंने 2022 में राष्ट्रपति बनने के बाद जनता के साथ धोखा किया है प्रदर्शन कारियों ने आरोप लगाया कि गरीबों की मदद करने का वादा किया था। उन्होंने टैक्स न बढ़ाने और लोन की लागत को कम करने के लिए सरकार के नए वित्त विधेयक को पूरी तरह से खारिज करने की बात कही थी प्रदर्शन कारियों ने वित्त विधेयक को वापस लेने की मांग की और प्रशासन को चेतावनी दी कि वे उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया जाएगा। फिलहाल हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं और इसमें कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है. पुलिस किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।आक्रोशित जनता वित्त विधेयक 2024 के जवाब में 7 दिनों से सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है। रैलियां आयोजित की जा रही हैं। जनता में उबाल के कारण देश भर में अशांति की खबर है। युवाओं ने पिछले सप्ताह घोषणा की कि वे सरकार को नियंत्रण में रखने के लिए एकजुट हो रहे हैं क्योंकि ईंधन, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। नैरोबी, जो प्रवासियों का एक क्षेत्रीय केंद्र है और संयुक्त राष्ट्र के एक प्रमुख परिसर का घर है, में केन्याई लोगों के बीच असमानता और भी बढ़ गई है, साथ ही राज्य के भ्रष्टाचार को लेकर लंबे समय से चली आ रही निराशा भी बढ़ गई है।वित्त विधेयक के विरोध ने देश के एक बड़े हिस्से को एकजुट कर दिया है, कुछ लोगों ने स्पष्ट रूप से उन जनजातीय विभाजनों को अस्वीकार कर दिया है, जिन्होंने अतीत में केन्या को विभाजित किया है। कुछ लोग जिन्होंने रूटो का जोश से समर्थन किया था, उन्हें विश्वासघात महसूस हुआ।

साथियों बात अगर हम केन्या में बसे भारतीयों की करें तो, भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह हिंसाग्रस्त इलाकों में न जाने की अपीलइसी बीच भारत ने अपने नागरिकों को इस अफ्रीकी देश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद उपजी तनावपूर्ण स्थिति से अत्यधिक सावधान रहने की सलाह दी है। राजधानी नैरोबी स्थित भारतीय उच्चायोग ने एक परामर्श में कहा, 'मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए, केन्या में सभी भारतीयों को अत्यधिक सावधानी बरतने, अनावश्यक आवाजाही से बचने और हालात सामान्य होने तक विरोध-प्रदर्शनों और हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी जाती है।' आधिकारिक अनुमान के अनुसार, वर्तमान में लगभग 20, हजार भारतीय केन्या में रह रहे हैं, वहां पर हिंसक प्रदर्शन की वजह से लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। अगर ऐसी ही स्थितियां बरकरार रहीं तो भारत अपने नागरिकों को बाहर निकालने के लिए कोई अहम फैसला कर सकता है। पहले भी हिंसा से ग्रस्त देशों से भारत अपने नागरिकों को बाहर निकालने के लिएएड़ी-चोटी का जोर लगाता रहा है। वहीं, भारत सरकार ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है। 

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि केन्या में वित्त विधेयक 2024-25 से जनता आक्रोशित- देशभर में जबरदस्त अशांति का उबाल।केन्या में नए वित्त विधेयक 2024 -25 में प्रस्तावित करो के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में अफरातफरी मचाई।पूर्वी अफ्रीकी देश केन्या पर पूरे विश्व की नज़रें, जनता द्वारा टैक्स विरोध प्रदर्शन संसद भवन अमर्यादित आचरण में तब्दील पर हैरानी है। 


*-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र*

Post a Comment

Previous Post Next Post