एक मिसाल दी जाती है कि औरत ही औरत का दर्द समझती है. मगर, उन्नाव गैंगरेप केस में ऐसा होता हुआ नजर नहीं आया. यही वजह है कि रेप केस की जांच कर रही सीबीआई ने उन्नाव में उस दौरान डीएम और एसपी के पद पर रहीं तीन महिला अधिकारियों को भी लापरवाही का दोषी माना है.
कौन हैं ये महिला अधिकारी
अदिति सिंह डीएम की पोस्ट संभालने के लिए उन्नाव पहुंचीं थी. हालांकि, उन्नाव में वो सिर्फ 25 अक्टूबर तक ही रह पाईं. यानी एक साल भी पूरा नहीं किया. लेकिन इसी दौरान उनके पास एक रेप पीड़िता अपनी गुहार लेकर गई तो उसे नहीं सुना गया. फिलहाल, हापुड़ डीएम की जिम्मेदारी संभाल रही हैं.
पुष्पांजलि देवी 2006 बैच की आईपीएस हैं. ये मूल रूप से वाराणसी की रहने वाली हैं. 28 अगस्त 1980 को इनका जन्म हुआ था. जब उन्नाव गैंगरेप केस के दौरान इन्हें भी वहां की एसपी बनने का मौका मिला. लेकिन जब तत्कालीन विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ रेप पीड़िता अपनी गुहार लेकर इनके पास पहुंची तो सुनवाई नहीं की गई. इतना ही नहीं, जब पीड़िता के पिता की पिटाई से मौत का मामला गरमाया तो एसपी ने उसे भी दबाने की कोशिश की. फिलहाल, पुष्पांजलि गोरखपुर में रेलवे एसपी की जिम्मेदारी संभाल रही हैं.