सावन में पढ़ने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व

सावन के माह में भगवान शिव वरदान के अनुसार अपनी ससुराल  हरिद्वार के कनखल छेत्र में निवास करते हैं वही धर्मनगरी हरिद्वार में भगवान कण-कण में निवास भी करते हैं यही कारण है कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा ,पंजाब ,दिल्ली सहित कई राज्यों से लाखों कांवड़िये प्रत्येक वर्ष गंगाजल लेकर अपने शिवालयों की ओर कूच करते हैं और शिवरात्रि के दिन जलाभिषेक कर भगवान शिव की पूजा अर्चना कर अपनी मनोकामना की पूरी करते हैं ,,,,कहते हैं कि शिवरात्रि प्रत्येक माह पड़ती है लेकिन सावन में पढ़ने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व है वही स्थानीय निवासयो को  धारा 144 और कोरोना प्रतिबंध के बाद गंगा स्नान के साथ-साथ मंदिरों में भी समय सीमा की पावंदी से  होकर जलाभिषेक करते हुए देखा गया

लोगो का मानना है की इस बार हमारी शिवरात्रि अधूरी है 
शिव रात्रि के दिन करोना कॉल के चलते इस बार श्रद्धालुओं को मंदिर और गंगा से  वंचित रहना पड़ रहा है ,जिस कारण लोगो का मानना है की इस बार हमारी शिवरात्रि अधूरी है ,जहां कई राज्यों से आने वाले श्रद्धालु वंचित हैं 
हरिद्वार के जिलाधिकारी सी,  रविशंकर ने बताया कि कोरोना के चलते हमने 19 और 20 तारीख को प्रदेश सरकार के साथ धर्मनगरी हरिद्वार में भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है जिसके चलते इन 2 दिनों में शिवरात्रि का महापर्व और अगले दिन अमावस्या स्नान भी पड़ रहा है जिसको लेकर हमने जहां मंदिरों में प्रतिबंध लगाया है वही हरिद्वार के हर की पौड़ी सहित सभी गंगा घाटों पर बाहर से आने वाले श्रद्धालु सहित स्थानी निवासियों से भी अनुरोध किया है कि वह गंगा स्नान करने से बचें ,और जो भी व्यक्ति अन्य राज्य से यहां पर आएगा उसको 14 दिनों तक स्वयं के खर्चे पर कोरोनटाइन किया जायगा !

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