आपदा को अवसर में बदलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तब से ही जाने जाते हैं, जब वह इससे पहले गुजरात के यशस्वी मुख्यमंत्री हुआ करते थे। वहां आये भूकंप और फिर हुए निर्माण इसकी गवाही देते हैं। अब वह अकेले भी नहीं हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके नक्शेकदम पर चलते हुए एक और बड़ी रेखा जो खींचने की कोशिश की है, उससे बीजेपी और मजबूत होगी ही, अन्य राज्यों को भी अब विकास के लिए गुजरात मॉडल के साथ यूपी मॉडल मिल जाएगा। विकास के आंध्रप्रदेश मॉडल, पंजाब मॉडल, बिहार मॉडल की अनदेखी करना भी यहां उचित नहीं होगा, क्योंकि बात छिड़ी है आत्मनिर्भर भारत अभियान की।
दरअसल, कोरोना वायरस कोविड 19 के प्रकोप से उपजी वैश्विक परिस्थितियों के बीच यदि किसी चीज की सबसे बड़ी कमी महसूस की गई तो वह है लोकल प्रोडक्ट्स की। क्योंकि अचानक यातायात के थम जाने से ग्लोबल विलेज के अरमान बिखर गए। शुक्र है कि नेतृत्व नरेंद्र मोदी जैसे फौरी निर्णय लेने वाले नेता के हाथ में है, जिससे देश एक बहुत बड़ी नीतिगत त्रासदी से उबरते हुए लोकल, वोकल, ग्लोबल की थ्योरी पर कदमताल भरने लगा। यह सबकुछ अनायास नहीं हुआ, बल्कि टीम मोदी के वृहद और व्यापक सोच का नतीजा है जो आने वाले महीनों में जब फर्राटे भरेगा, तो दुनिया जान जाएगी कि आत्मनिर्भर भारत योजना में ही मानवता का कल्याण निहित है। देर सबेर शेष दुनिया भी इसी रास्ते पर चलेगी और चीनी उत्पाद पर खुद की निर्भरता को कमतर करेगी।
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