बिसौली की जनता का पैसा पोस्टर बाजी में अधिक खर्च हुआ

बिसौली की जनता का पैसा पोस्टर बाजी में अधिक खर्च हुआ है। बडी ही सदी हुई राजनीति बिसौली के चेयरमैन करने मे माहिर हैं वह चाहे सपा सरकार हो या बीजेपी दौनों में अपनी राजनीति चमका रहे हैं। आज हम आपको बिसौली में हुए विकास के बारे में दिखाऐंगे नगर बिसौली में दोबारा चेयरमैन बनने के बाद सिर्फ पोस्टर बाजी ही हुई है। हर त्यौहार पर बडे बडे पोस्टर चैराहों पर लगे दिखाई देंगें। यह देखो यह वार्ड  मैम्बरों के वही पुराने बोर्ड हैं जो दो साल पहले सादा टीन पर बने थे अब उन्हें पोस्टरों से सजाया गया है। जिसमें वार्ड मैम्बर व चेयरमैन के फोटो के साथ ही विधायक जी का भी फोटो आप देख रहे हैं। इससे पहले यही बोर्ड सादा लिखे थे। इन बोर्डों पर कितनी लागत आई होगी कोई  जबाब देने को तैयार नहीं नही चेयरमैन और न ही ईओ अब दिखाते हैं। यह हैं नगर पालिका में रखे कूडेदान यहां रखे तो दिख रहे हैं पर नगर में कहां लगाये गये पता नहीं इसका भी कोई  जबाब चेयरमैन के पास नहीं है। वह कहते हैं हमने कूडेदान लगाये ही नहीं है। तो फिर यह पालिका में रखे कूडेदान हैं या कुछ और। दूसरा सबसे बडा  घोटाला आपको बता दें नगर में सपा सरकार में पूरे नगर के विद्युतीकरण के लिए हर पोल पर केबिल डालने व अन्डर ग्राउन्ड भी केबिल करने के लिए प्रस्ताव पास हुआ था। जिसका टेंडर भी हुआ और कुछ हिस्से में केबिल पडी पर पूरे नगर की केबिल कहां  गयी किसी को पता नहीं नगर का विद्युतीकरण केबल कागजों में हो गया। एक युवक ने इसकी जन सूचना  भी मांगी पर वह भी पूर्ण अभी तक नहीं दी गयी। इस पर भी चेयरमैन ईओ कोई भी जबाब देने को तैयार नहीं। तीसरा घोटाला पुराने बाहनों को ही रिपेयर कर व रंग रोगन करके नगर पालिका बिसौली नया दिखा कर खरीद लेती है यह हम नहीं कह रहे वाहनों की स्थिति देख कर आप भी समझ जायेंगे। यह है शव यात्रा वाहन जिसे रिपेयर करा के बडा चमका कर दो वर्ष पूर्व ही खरीदा था। लेकिन आज पूरा रंग उड गया अब इस तरह की दिखती है यह बस जैसे ही हमने इसकी खबर चलाई तो तुरन्त ही पालिका  ने बस पर फिर रंग करा के चमका लिया है। यहां  यह भी बता दें जिन गायों को गौषाला में रखा गया था वही भी अब दिखाई  नहीं दे रहीं हैं। इस कोरोना काल में भी चेयरमैन ने बडे ही दाबे  किये कैमरे के पीछे पर सामने बोलने सेे साफ मना कर दिया चेयरमैन और  ईओ बिसौली कैमरे में बोलने कतराते हैं। वह किसी भी संबंध में बाइट देने से साफ मना कर देते हैं। वहीं ईओ साहब तोे  फोन को भी रिसीब नहीं करते हैं। जनता के पैसे का दुरूपयोग हो रहा है। कहीं  पोस्टरों में तो कहीं पुराने बाहनों में तो बिजली के उपकरणों में अब नया फार्मूला नगर को सैनेटाइजर करने का भी निकल आया है। जिसमें जमकर घोटाला किया जा रहा है। ऐसा कोई महीना नहीं निकलता जिसमें नगर सैनेटाइज व छिडकाऔ नहीं किया गया हो। लेकिन वास्तिविता इससे  परे है। 

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