जनता के सेवक ही कोरोना काल में जनता को दे रहे हैं धोखा

जनता के नुमाइन्दे ही जब बेइन्तहां झूॅठ बोलें तो आम नागरिक का क्या कहना जी हां ऐसे ही कुछ आपको उदाहरण इस वीडियो में आपको हम दिखाने जा रहे हैं। यह हैं जनपद बदायॅू के ब्लाक अम्बियापुर के गांव खुलैट के ग्राम प्रधान इन्होंने हमसे इतना बडा झूॅठ बोला की आप भी सुनेंगे तो हैरान रह जायेंगे लाॅकडाउन के दौरान जहां सारे भारत वासी समाज सेवा की नियत से गरीबों की मदद कर रहे हैं तो कुछ स्वार्थी नेता और राजनीति की पहली सीढी ग्राम प्रधान भी सिर्फ दिखाबा करने के लिए खुला झूॅठ बोलने से गुरेज नहीं करते । खुलेट के ग्राम प्रधान से जब हमने  पूॅछा कि इस लाॅकडाउन में आपने ग्रामीणों की क्या मदद की तो उन्होंने बताया कि हमने दौ सौ मास्क,बीस गरीबों को राहत सामग्री दी और गांव को तीन बार सैनेटाइज कराया और भी बहुत कुछ बताया स्वयं सुनें प्रधान की जुबानी
प्रधान की बात सुन हमने ग्रामीणों का रूख किया । ग्रामीणों से गांव में जाकर पूॅछा तो ग्रामीणों ने प्रधान का खुला झूॅठ बताया सुनें ग्रामीणों की जुबानी
अब आपको दूसरे नेता जी की दरियादिली सुनाते हैं बदायॅू जनपद के ही उसावा ब्लाक के ब्लाक प्रमुख श्री गुप्ता जी का कहना है कि उन्होंने अपने निजी खाते से कोरोना राहत फंड में पांच लाख का चैक दान दिया। जिसे जिलाधिकारी बदायॅू को सौंपा गया जब हमने इसकी पडताल की तो बता चला कि नेताजी ने पांच लाख का चैक अपनी निधी से दिया है। अब आप ही सोच लीजिए की क्या वह पैसा उनका अपना था वह तो सरकार का पैसा था। सरकार को ही बापस दे दिया। इसमें प्रमुख जी की दरियादिली कहां सामने आयी। खुला झूॅठ बोलने बाले नेता जो इस लाॅकडाउन में भी जमकर झूॅठ बोल रहे हैं। वह ईष्वर से भी मजाक कर रहे हैं। क्योंकि कोरोना वैष्विक महामारी है इसमें मदद करना ईष्वर का विष्वास जीतना है। लेकिन कुछ धोखेबाज व जनता को गुमराह करने बाले नेता इस मुसीबत की घडी में भी अपनी कुर्सी का लालच देख रहे हैं। तो कुछ हारे हुए नेता भी कुछ राहत पैकेट व फल वितरण कर गरीबों की मदद के नाम पर जमकर मीडिया में फोटो खिंचवा कर कोरोना योद्वा का खिताब जीतना चाहते हैं। 
वह नेता अपनी खोई हुई ताकत इस छोटी से मदद करके बापस लेना चाहते हैं। वह जनता को धोखा देकर फिर उनपर हुकूमत करना चाहते हैं। 
तीसरी मिसाल आपको बिसौली के चैयरमेन की देते हैं। इन्होंने वीडियो में कोई भी बात कहने से इन्कार कर दिया लेकिन जो हमें बताया  वह हम आपको बताने जा रहे हैं। चैयरमेन बिसौली अबरार अहमद का कहना है। उन्होंने छुप कर हजारों गरीबों की मदद की है। राहत पैकेट के साथ ही धनराषि भी  दी है। वहीं कोरान्टाइन किये लोगों को अपने पास से खाना खिलाना और उनको सारी जरूरी सामान मुहैया कराने की बात कही लेकिन बिसौली के दर्जनों लोगों ने हमें बताया कि चैयरमेन ने अपने पास से एक रूपये की भी मदद नहीं की है। 
चैथा प्रमाण एक बदायॅू के पूर्व विधायक भी इस कोरोना काल में गरीबों को राहत सामग्री बांटने की जमकर तारीफ मीडिया के माध्यम से बटोर चुके हैं। लेकिन बास्तव में जब जांच हुई तो पता चला कि राहत सामग्री के पैकेट उसे दिये जाते हैं। जो अपना फोटो सामग्री लेते हुए खिंचबाता है। और नेताजी के सामने झुकर मदद मांगता है। यहां तक की गरीबों के फार्म भी भरवाये गये हैं। जिससे उसका पूरा बायोडाटा नेताजी पर रहे कि कोरोना काल में उन्होंने उसे खाद्व सामग्री का पैकेट दिया था। और चुनाव में उस गरीब को याद दिलायें। कितनी घटिया  मानसिकता से लोगों को रिझाने की बात की गयी है। 
एक प्रधान दियोरी जीत ब्लाक म्याउॅ के हैं जिन्होंने कई दावे किये पर सब झूॅठे पाये गये। इन्होंने तो शौचालय में ही जमकर घोटाला किया है लाभार्थीयों से पैसे ऐंठ कर कैसा भी शौचालय बनाने की परमीशन दे ही है यह है इसका जीता जागता नजारा वहीं मनरेगा में भी इस कोरोना काल में फर्जी कार्ये दिखाकर घोटाला किया जा रहा है। 

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