टयूलिप गार्डन देशी-विदेशी सैलानियों के लिए खुलेगा

कश्मीर में एशिया का सबसे बड़ा टयूलिप गार्डन है। हर वर्ष इसे पर्यटकों के लिए खोला जाता है। इस वर्ष यह गार्डन मार्च के अंतिम सप्ताह में खोला जा रहा है। इन्दिरा गांधी टयूलिप गार्डन के नाम से मशहूर यह पार्क पूरे 30 हैक्टयेर जमीन पर बना हुआ है। इस बार टयूलिप समारोह पूरे 15 दिनों तक चलेगा और इसमें भारी संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद की जा रही है। सात हिस्सों में बनाया गया यह गार्डन कश्मीर में पर्यटन और फूलों को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है।
विश्व प्रसिद्ध डल झील के किनारे जबरवान पहाड़ी की तलहटी में आबाद इस ट्यूलिप गार्डन में फूल खिलना शुरू हो गए हैं। गौरतलब है कि 30 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले गार्डन में लोग इस वर्ष 55 से अधिक प्रजातियों के 13 लाख ट्यूलिप का दीदार करेंगे। गार्डन को एक नया लुक भी देने के प्रयास किए गए हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा पर्यटक इस गार्डन की तरफ आकर्षित हो सकें 
पर्यटन विभाग के अधिकारी कहते हैं कि कश्मीर में बहार का आगाज परंपरागत रूप से अप्रैल में ही होता है। लेकिन इस बार ट्यूलिप गार्डन को 25 मार्च के बाद से ही पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। जब्रवान की पहाड़ियों के दामन में डल किनारे स्थित इस बाग में 55 किस्मों के 13 लाख से ज्यादा ट्यूलिप पर्यटकों का स्वागत करेंगे। वैसे बहार-ए-कश्मीर महोत्सव पहली से 15 अप्रैल तक चलेगा। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में पर्यटकों को कश्मीरी व्यंजनों का कश्मीरी अंदाज में मजा लेने और कश्मीरी दस्तकारी को करीब से देखने, समझने व खरीदने का मौका भी मिलेगा।
 
उन्होंने कहा कि बीते साल जो हालात रहे हैं, उससे कश्मीर के पर्यटन को खूब नुकसान पहुंचा है। हम पर्यटन क्षेत्र को पुनः पटरी पर लाने के लिए, देशी-विदेशी सैलानियों को कश्मीर में लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। उम्मीद है कि आने वाला पर्यटन सीजन पूरी तरह हिट रहेगा और पर्यटन जगत से जुड़े स्थानीय लोगों को इसका पूरा लाभ मिलेगा।
 
वे कहते हैं कि कि इस बार मौसम में बदलाव के कारण ट्यूलिप के पूरे फूल खिलना शुरू हो चुके हैं। कुछ किस्में पूरी तरह से खिल चुकी हैं, जबकि कुछ अगले एक दो हफ्ते तक खिल जाएंगी। तापमान भी बिलकुल अनुकूल है। वे कहते थे कि अगर मौसम ने इसी तरह साथ निभाया तो इस महीने के अंत तक गार्डन को आम पब्लिक के लिए खोल देंगे। इस बार फूलों की कुछ और नई किस्में उगाई हैं जिनमें स्टरांग गोल्ड, टूरिजमा, पपर्ल फ्लेग आदि है। बीते साल गार्डन में केवल चार टेरिस गार्डन थे, लेकिन इस साल हमने तीन और टेरिस गार्डन तैयार किए हैं। गौरतलब है कि बीते चार वर्षों में करीब 20 लाख पर्यटकों ने गार्डन की सैर की थी। इससे लाखों रुपये का राजस्व कमाया था।

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