इन उपायों को नियमित करने से मिलेगी कर्ज से मुक्ति

हर व्यक्ति जब प्रात: काल सवेरे उठता है तो यही कामना करता है और ईश्वर से प्रार्थना करता है कि हे ईश्वर हमें सफलता प्रदान करें, हमारा दिन अच्छा बीते, अच्छी नौकरी लगवा दें या जल्द से जल्द धनवान बना दें। हर इंसान सफल होने के लिए भरपूर प्रयास भी करता है परंतु जैसे-जैसे दिन ढलता है यदि इंसान के हिसाब से दिन में कार्य नहीं होता तो वह निराश हो जाता है और अपने आपको कोसने लगता है। और ऐसे ही मायूस होकर अपने कार्य को पूरा करने के लिए कर्ज का सहारा लेता है, क्योंकि आपने अगर जन्म लिया है तो जरूरतें तो होंगी ही। जरूरतों को पूरा करने के लिए कर्ज लेना एक स्वभाविक कार्य है। लेकिन कर्ज़ एक ऐसा बोझ है जिसमें इंसान दबता चला जाता है और कर्ज को उतारने के लिए दोबारा कर्ज लेता है। कर्ज समय पर न चुकाने के कारण वह ना चाहते हुए भी दोबारा कर्ज कर लेता है। कर्ज की किश्त महीने की इनकम और खर्चों से ज्यादा होती है और ये प्रक्रिया चलती रहती है और कयी बार इंसान इससे डिप्रेशन में भी चला जाता है। 

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