मेदांता में जब नेता जी ने ली आखिरी सांस तो साथ थे सिर्फ शिवपाल यादव

आखिरी सांस लेते समय सिर्फ छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव थे सामने

शिवपाल सिंह यादव ने निजी जीवन से लेकर सियासी जीवन तक आखरी तक नहीं छोड़ा साथ

आखरी वक्त को याद कर कर शिवपाल फूट-फूट कर रोने लगे

परिवार में तमाम दूरियां बनी ना एक दूसरे से अलग हुए ना एक दूसरे के बारे में कुछ कहा

जन्म से लेकर आखरी सांस तक शिवपाल सिंह यादव नेताजी के साथ रहे

आखरी वक्त पर मुलायम सिंह यादव को याद कर शिवपाल सिंह फूट फूट कर रो रहे हैं और अपने भाई को खोने के सदमे में उभर नहीं पा रहे हैं

मुलायम सिंह यादव जब मेदांता में आखिरी सांसे ले रहे थे तब इतने बड़े परिवार में शिवपाल सिंह यादव नेताजी के साथ थे जब से नेता जी की तबीयत बिगड़ी तब से आखरी सांस तक नेताजी के साथ रहे
अखिलेश यादव के अलावा परिवार के तमाम लोग मेदांता पर थे रात के वक्त सब आवास पर लौट गए लेकिन शिवपाल सिंह यादव ने भाई का साथ नहीं छोड़ा और अस्पताल में ही मौजूद रहे नेता जी की तबीयत अचानक जब ज्यादा बिगड़ी तो शिवपाल यादव भागकर पास पहुंचे छोटे भाई को वक्त के सामने देखकर नेताजी कुछ कहना जरूर चाहते थे लेकिन वक्त ने साथ नहीं दिया दोनों भाई एक दूसरे को लाचार नजरों से निहार रहे थे लेकिन कोई कुछ नहीं कह पाया शिवपाल सिंह यादव आखरी वक्त का याद करके फूट-फूट कर रोने लगते हैं और अपने भाई के जाने के गम में इतनी गमगीन हैं कि कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं है शिवपाल सिंह यादव नेताजी मुलायम सिंह यादव के भाई के साथ साथ 86 साथी भी हैं नेताजी की सियासत में जो शिवपाल का योगदान है वह कोई भूल नहीं सकता साइकिल पर सवार होकर शिवपाल सिंह यादव गांव गांव जाकर प्रचार करते थे और नेताजी लखनऊ दिल्ली से सियासी कमान संभालते थे सपा परिवार के पास आज जो कुछ भी है वह नेताजी मुलायम सिंह यादव की देन है ऐसे में पूरा परिवार सदमे में है यही वजह है कि शिवपाल सिंह यादव तो दुखी है ही साथ ही साथ पूरे परिवार और पार्टी कार्यकर्ताओं का हाल बेहाल है सब भावुक हैं सभी का गला भरा हुआ है कोई कुछ कहने की स्थिति में नहीं है और कोई कुछ बोल नहीं पा रहा सब नेता जी के दुनिया से चले जाने से टूटे हुए हैं और भावुक हैं

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