भिण्ड: सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के विरोध में जैन समाज का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। भिंड में इसके लिए 16 जनवरी (सोमवार) को जैन समाज के आह्वान पर बाजार बंद रहे। जैन समाज के लोगों ने हजारों की संख्या में रैली निकाली गई। इसमें केवल जैन समाज ही नहीं बल्कि जैन मुनि के आह्वान पर सभी समाज के लोग शामिल हुए और सभी ने एक स्वर में जैन मुनि का समर्थन किया। रैली में शामिल लोगों ने जैन तीर्थंकर भगवान पार्स्वनाथ के निर्वाण स्थल पवित्र सम्मेद शिखर जिसको पारसनाथ शिखर भी कहा जाता है उसे पर्यटन से हटाकर तीर्थस्थल घोषित करने का ना केवल आदेश जारी किया जाये बल्कि उसका गजट नोटिफिकेशन जारी किया जाये। खास बात ये रही कि रैली में जैनमुनि प्रतीक सागर ने खुद सरकार के खिलाफ नारे लगाए।

पूरा जैन समाज सड़क पर उतरा

झारखंड में बने सम्मेद शिखर को जैन समाज बेहद ही पवित्र स्थल के रूप में मानता है क्योंकि उनके तीर्थंकर भगवान पार्स्वनाथ का यहां पर निर्वाण हुआ था। जैन समाज का कहना है कि वह अहिंसा का पालन करते हुए इस बात का भी बहुत खयाल रखते हैं कि उनके तीर्थ की पवित्रता किसी भी प्रकार से भंग ना हो। तीर्थस्थल पर जाने से पहले वे लोग ना तो कुछ कहते हैं और ना ही पानी भी पीते हैं ताकि पवित्र स्थल पर या उसके आसपास मलमूत्र नहीं त्यागना पड़े। लेकिन हाल ही में पवित्र सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित किये जाने के बाद वहां पर पर्यटक आने लगे जो पवित्र स्थल की पवित्रता को भंग कर रहे हैं। ऐसे में उसे पर्यटन स्थल से हटाकर तीर्थ स्थल ही घोसगीत किया जाये। इसी बात को लेकर क्रांतिकारी जैन मुनि प्रतीक सागर महाराज के नेतृत्व में पूरा भिंड सड़कों पर उतर आया। ना केवल जैन समाज बल्कि उसके समर्थन में सभी समाज के व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे और जैन मुनि के नेतृत्व में रैली में सम्मिलित हुए। हालात यह रहे कि पूरे भिंड शहर में सड़कों पर हजारों लोगों दिखाई दे रही थी। इनमे हजारों महिलाएं भी शामिल हुईं।

शहर भर में निकली विशाल रैली

कलेक्ट्रेट कार्यालय के पास से शुरू हुई यह रैली शहर के हृदय स्थल परेड चौराहे तक जैन मुनि के नेतृत्व में रैली निकालकर वहां पर आम सभा की गई। जिसमें प्रतीक सागर महाराज ने जमकर हुंकार भरी और सभी नेताओं और सरकार को भी चेतावनी दे डाली। यहां उद्बोधन में वक्ताओं ने कहा कि 5 जनवरी को बंद कमरे में एक प्रस्ताव पारित कर लेटर दे दिया जाता है लेकिन गजट में प्रकाशित नहीं किया जाता है। देश के प्रधानमंत्री और झारखंड के मुख्यमंत्री मीडिया के सामने आकर वक्तव्य नहीं दे पाते हैं। जैन समाज की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर दिया जाता है। मीडिया के माध्यम से प्रसारित कराया जाता है कि जैन समाज की मांगों को मान लिया गया है।

सिर्फ चिट्ठी से नहीं बैठेगा जैन समाज

उन्होंने आगे से मुस्कुराते हुए पीछे से चाकू घोंपने का काम किया है। उन्होंने कहा कि 2 पन्नों का जो लेटर पकड़ा दिया है उससे जैन समाज शांत होकर बैठने वाला नहीं है अभी जैन समाज ने आंदोलन किया तो ये लेटर निकाल दिया और कोई आंदोलन करेगा तो दूसरा लेटर निकाल देंगे, लेकिन बिना गजट नोटिफिकेशन के जैन समाज चुप नहीं बैठेगा।

जैन मुनि बोले- हम कंबल पर बिकने वाले नहीं

जैन मुनि प्रतीक सागर महाराज ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अब ये वो जनता नहीं है जो बीड़ी पर या कंबल पर बिक जाए अब उसे अपने मताधिकार का उपयोग पता है। हम अपने मत की कीमत जान जाएंगे तो अपने तीर्थों की सुरक्षा भी खुद कर सकेंगे।

शिव कुमार संवाददाता दैनिक अच्छी खबर मध्य प्रदेश

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