आखिर यह अस्पताल किसके संरक्षण में चल रहे हैं इन अस्पतालों के ना ही तो मानक पूरे हैं और ना ही फायर की व्यवस्था सही है इन अस्पतालों में सभी मानकों को दरकिनार कर हर रोग का इलाज किया जा रहा है यह अस्पताल है रंजना हॉस्पिटल बिल्सी यहां पर यह जो आप स्क्रीन पर देख रहे हैं सभी रोगों का इलाज और जांचें होना दिखाया गया है लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए अस्पताल का लुक अच्छा दिखाया गया है लेकिन जब डॉक्टरों की पड़ताल करेंगे तो यहां पर एक बीएएमएस डॉक्टर प्रैक्टिस कर रहे हैं जबकि जिन रोगों का इलाज इन्होंने दर्शाया है एमबीबीएस डॉक्टर ही करते हैं इन्हीं का एक हॉस्पिटल नगर में अंदर और चल रहा है वह भी रंजना हॉस्पिटल के नाम से चल रहा है यानी वहां जच्चा बच्चा केंद्र और सभी रोगों का इलाज होता है लेकिन डॉक्टर एमबीबीएस कहां है जिनके नाम से पैसा लूटा जा रहा है इससे पूर्व भी इस हॉस्पिटल पर छापा पड़ चुका है लेकिन स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से यह अस्पताल पुनः चलने लगे हैं हम आपको यहां बता दें इस अस्पताल के डॉक्टर उमेंद्र कुमार गुप्ता यह अपने लिए फिजीशियन एवं व्यवस्थापक और समाजसेवी कहते हैं इन्होंने रंजना हॉस्पिटल जच्चा बच्चा हड्डी एवं जनरल अस्पताल कछला मुजरिया रोड बिल्सी में खोला है इन्होंने अपने विजिटिंग कार्ड में लिखा है समस्त प्रकार के ऑपरेशन होते हैं भर्ती है यहां पर 50 सैयां का नया अस्पताल दिखा रहे हैं और वातानुकूलित ऑपरेशन रूम दिखा रहे हैं और समस्त रोगों का टीकाकरण और निदान चिकित्सा देने का वादा कर रहे हैं दांतो का इलाज भी इनके यहां पर किया जा रहा है यानी कोई रोग ऐसा नहीं जिसका इलाज इनके यहां ना होता हो लेकिन डॉक्टर एक ही है उपेंद्र कुमार वह भी बीएएमएस है अब देखिएगा खुला झूठ ऑपरेशन क्या बीएएमएस डॉक्टर कर सकते हैं 50 बेड का हॉस्पिटल बना कर खड़ा करना उसमें रोगियों को भर्ती करना क्या बीएमएस के दायरे में आता है इसके साथ ही समस्त प्रकार की जांच है और दांतो का इलाज भी क्या बीएएमएस डॉक्टर ही करेंगे बहुत सारे सवाल यहां खड़े होते हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस बारे में कोई जानकारी देने से कतराता है ऐसे ही दर्जनों हॉस्पिटल बदायूं में चल रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग इन अस्पतालों पर कार्यवाही क्यों नहीं करता यह उनकी मिलीभगत होने का सीधा प्रमाण है स्वास्थ्य विभाग इन अस्पतालों के बारे में अनभिज्ञ बना हुआ है जबकि अस्पताल किसी से छुपे हुए नहीं है और यहां यह भी बता दें यह अपने लिए पत्रकार भी बताते हैं यानी कोई डिग्री उन्होंने छोड़ी नहीं है तो आगे देखना यह होगा स्वास्थ्य विभाग क्या अब भी अपनी कुंभकरणीये नींद से जागेगा इसी अस्पताल के आगे एक और हॉस्पिटल चल रहा है गांधीजी के नाम पर वह भी इसी रोड पर हैं और अंजना हॉस्पिटल के पास है इस पर भी ना ही फायरबिग्रेड की एनओसी है और ना ही स्वास्थ्य विभाग के मानक पूरे करता दिखाई देता है फिर भी चल रहा है वाह स्वास्थ्य विभाग