फर्जी वसीयत दिखाकर आश्रम की सबा 2 बीघा भूमि बेची आश्रम के महंत न्याय पाने को दर-दर भटक रहे पर कोई सुनवाई नहीं

मथुरा वृंदावन। राम कुटी आश्रम की जमीन शातिर युवक ने कूट रचित दस्तावेज तैयार कर बेच डाली राम कुटी आश्रम के महंत शीतल दास भटक रहे हैं न्याय पाने को आखिरकार अब शीतल दास ने सीएम योगी से मिलने का मन बना लिया है परिक्रमा मार्ग वृंदावन में राम कुटी आश्रम के रूप में एक सुप्रसिद्ध स्थान है जो श्रीकृष्ण की भक्ति के लिए प्रसिद्ध है यह गुरु पुरुषोत्तम दास जी महाराज द्वारा निर्मित किया गया आश्रम था उन्हीं के स्थान पर अब महंत शीतल दास विराजमान है इस आश्रम की भूमि बेशकीमती होने के कारण कुछ दबंग प्रवृत्ति के लोग और भूमाफिया इस आश्रम की भूमि पर और आश्रम पर नजर जमाए बैठे थे जिसमें एक आरोपी जयपाल पुत्र भीका निवासी सिकतरा जवा जिला अलीगढ़ थाना इगलास यह बदमाश किस्म का व्यक्ति है यह बाबा पुरुषोत्तम दास महाराज का चालक था जब महंत पुरुषोत्तम दास की हत्या हुई उस समय वह उनके साथ ही था जयपाल ने बाबा पुरुषोत्तम दास की मृत्यु के बाद आश्रम की बेशकीमती भूमि कूट रचित दस्तावेज तैयार कर वसीयतनामा अपने नाम लिखा कर विक्रय कर दी विक्रय भी एक महंत के लिए की गई है बताया जाता है वह भूमाफिया है जबकि जयपाल का इस संपत्ति से कोई भी सरोकार नहीं ना ही कोई उसका हक है अधिकार है उसने फर्जी वसीयतनामा लिखवा कर गलत तरीके से पुरुषोत्तम दास महाराज के शिष्य होने को जाहिर किया और कूट रचित दस्तावेज तैयार कर भूमि को बेच दिया महंत शीतल दास पुरुषोत्तम दास निवासी राम कुटी आश्रम परिक्रमा मार्ग वृंदावन मथुरा को उस समय यह सब जानकारी हुई जब अधिकारी वहां पहुंचे इससे आप कब्जा मुक्त करिए आश्रम को बेच दिया गया है तब महंत श्री शीतल दास को पता चला तो उन्होंने इसकी शिकायत एसएसपी महोदय से की एसएसपी ने सीओ वृंदावन के लिए आदेश कर दिए और जांच करने को कहा जांच में पाया गया विजयपाल द्वारा कूट रचित दस्तावेज तैयार कर फर्जी बैनामा कराया महंत शीतल दास द्वारा जन सूचना अधिकार के तहत जब सूचना मांगी गई कि वह किस आधार पर बारिश बना तो रजिस्ट्रार कार्यालय से सूचना दी गई कि वसीयतनामा यहां पर पंजीकृत नहीं है उसने कूट रचित दस्तावेज तैयार कर इस भूमि को बेचा है रजिस्ट्रार कार्यालय की रिपोर्ट और सीओ की जांच में जयपाल आरोपी सिद्ध हुआ इसी आधार पर थाना वृंदावन में जयपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ 3 महीने बाद तब तक पुलिस शीतल दास को टहलाती रही अब भी ३ महीने मुकदमा दर्ज किए हो चुके हैं लेकिन पुलिस आरोपी जयपाल को गिरफ्तार नहीं कर पाई है इससे पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगने लगे हैं यानी फर्जी तरीके से भूमि विक्रय करने वाले आरोपी को वृंदावन पुलिस 3 महीने गुजरने के बाद भी गिरफ्तार नहीं कर पाई यह किसी की समझ में नहीं आ रहा जबकि पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है 420् 467् 468् 471् मुकदमा पंजीकृत है फिर भी वृंदावन पुलिस अब तक जयपाल को गिरफ्तार क्यों नहीं कर पाई यह बड़ा सवाल है पुलिस की कार्यशैली को देखकर बाबा शीतल दास अब सीएम योगी से मिलने का मन बना चुके हैंयहां आपको बता दें जयपाल पुत्र भीका बाबा पुरुषोत्तम दास का चालक था जो महंत हो ही नहीं सकता और वह अलीगढ़ जनपद के सिकतरा जवा थाना इगलास का निवासी है जिसने एक फर्जी आधार तैयार कर राम कुटी आश्रम परिक्रमा मार्ग वृंदावन का निवासी होना दर्शाया है वहीं सीओ चकबंदी के यहां पर जिस तरह से उसने आदेश कराया है सीओ चकबंदी की भूमिका संदिग्ध लगती है क्योंकि जब रजिस्ट्रार कार्यालय से यह सूचना प्राप्त हो चुकी है जयपाल के नाम से कोई वसीयत पंजीकृत नहीं है तो फिर सीओ चकबंदी ने किस तरह से उसे आदेश कर दिया यह बड़ा सवाल भी बना हुआ है सी ओ चकबंदी की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक है सीओ की जांच में जयपाल आरोपी है रजिस्टर कार्यालय से उसकी वसीयत पंजीकृत नहीं है उसके बावजूद भी सीओ चकबंदी के यहां से आदेश पारित होना अपने आप में संदिग्ध लगता है योगी शासनकाल में भी महंतों पर अत्याचार नहीं रुक रहे हैं यह आश्चर्य की बात है कुछ दबंग भूमाफिया राम कुटी आश्रम की भूमि पर नजरें जमाए हैं यहां यह भी बता दें महंत शीतल दास को सैकड़ों महंतों के सामने मठ का महंत अध्यक्ष नियुक्त किया गया इस आधार पर भी महंत शीतल दास जी एस आश्रम की भूमि के प्रबल दावेदार उन्हीं का हक है की भूमि उनके नाम की जाए तभी उन्हें न्याय मिल पाएगा कूट रचित साजिशकर्ता जयपाल को कठोर सजा दी जाए जिससे कि वह भविष्य में किसी अन्य महंत को अपना शिकार ना बनाएं इस बारे में जब हमने ऐसो वृंदावन से बात की तो उन्होंने बताया कि मैं जांच स्पेक्टर से बात कर आपको बताऊंगा क्या कार्रवाई हुई है सीओ के आदेश को भी एवं एसपी के आदेश को भी वृंदावन की पुलिस हवा में उड़ाती दिखाई दे रही है तभी तो आरोपी जयपाल अब तक गिरफ्तार नहीं हो सका है

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