पन्ना: पन्ना दुनिया का एकलौता ऐसा​ जिला है, जहां राह चलते किसी की भी किस्मत बदल सकती है। यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन यह हकीकत है। यहां की धरती पर पिछले 1 साल में 10 लोगों को सड़क पर ही चलते-चलते हीरे मिल गए। पहले लोगों को महीनों तक खदानों में खुदाई के बाद ही हीरे की चकम दिखाई देती थी, लेकिन सड़क पर मिले हीरे ने अब इनकी दुनिया ही रोशन कर दी है।

पन्ना जिले में पास के गांव के रहने वाले इंद्रजीत सरकार को खदान की मिट्टी के ढ़ेर में 4.38 कैरेट का बेशकीमती हीरा चकमता हुआ दिखाई दिया, जिसकी बाजार में कीमत 17 लाख रुपए से ज्यादा बताई जा रही है। अब इस हीरे को आने वाले ​दिनों में नीलामी की प्रक्रिया में शा​मिल किया जाएगा। हीरे को ​​फिलहाल युवक ने हीरा कार्यालय में ही जमा करा दिया है। युवक को राह चलते ऐसे दिखी हीरे की चमक।

हीरा कार्यालय के मुताबिक, पन्ना नगर के पास जरुआपुर के रहने वाले इंद्रजीत पुरानी खदान की मिट्टी के ढ़ेर से होकर गुजर रहे थे कि उन्हें अचानक कोई चमकती चीज दिखाई दी। उसने इसे उठाकर देखा तो अपने साथ घर ले आया। जब उसने अपने पारखी पिता को बताया तो उसकी खुशी का ​ठिकाना ही नहीं रहा। पिता ने इंद्रजीत से कहा बेटा आज तो हमारी किस्मत की चकम गई है। पिता ने कहा- बेटा तुम्हें तो बेशकीमती हीरा मिल गया है। जल्द ही अब हमारे दिन भी बदल जाएंगे।

पिता की बात सुनकर पहले तो बेटे को भरोसा ही नहीं हुआ। फिर वह इसकी हकीकत जानने चमकते पत्थर को लेकर सीधे हीरा कार्यालय पहुंच गया। यहां उसने हीरा पारखी अनुपम सिंह को पूरी कहानी बताई। उन्होंने जांच करने के बाद हीरा होने की पुष्टि कर दी। इसके बाद 11 जनवरी को हीरा कार्यालय में जमा कर दिया। अनुपम सिंह के मुताबिक हीरे का वजन 4.38 कैरेट है। अब इसे नीलामी में रखा जाएगा। हीरा से मिलने वाली रकम का 12% सरकार की रॉयल्टी और 1% टैक्स काटकर बाकी रकम इंद्रजीत के बैंक खाते में जमा करा दी जाएगी। अनुपम सिंह ने बताया कि इंद्रजीत के नाम किसी भी हीरा खदान क्षेत्र का पट्टा नहीं है।

1 साल में इन 10 लोगों की हीरे ने बदली जिंदगी

साल 2023 में बिना मेहनत के 10 लोगों को हीरे मिल चुके हैं। ये पन्ना के इतिहास में पहली बार हुआ है। जब चलते-चलते इतने लोगों को हीरे मिले हों। जानकारी के मुताबिक, अब तक समीर सिंह को 1.41 कैरेट, गेंदाबाई को 4.39 कैरेट, नंदलाल को 2.83 कैरेट, छोटेलाल को 0.85 कैरेट, निरूपाल को 1.30 कैरेट, पन्नालाल कुशवाहा को 2.00 कैरेट, भवानी दीन रैकवार को 2.85 कैरेट, राजकिशोर सिंगरौल को 1.36 कैरेट, वृन्दावन रैकवार को 4.86 कैरेट का हीरा मिल चुका है।

11 जनवरी को इंद्रजीत सरकार को 4.38 कैरेट का बेशकीमती हीरा खदान के ढ़ेर में पड़ा मिला। लेकिन अब सवाल ये खड़ा हो रहा कि जब खदान में लोग दिन-रात कड़ी मेहनत कर पसीना बहाकर हीरे की तलाश करते हैं। बावजूद उसके उनकी किस्मत में हीरा नहीं मिल पाता है। वहीं दूसरी ओर 1 साल में 10 हीरे बगैर खदान लगाए लोगों के मिल गए।

शिव कुमार संवाददाता दैनिक अच्छी खबर मध्य प्रदेश

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