अच्छी खबर हिंदी दैनिक प्रयागराज संवाददाता परवेज आलम

डा. अम्बेडकर का व्यक्तित्व आसमान से भी ऊंचा था

बसपा मर मिट जाएगी लेकिन अपने जीते संविधान को नहीं मिटने देगी

प्रयागराज 06 दिसम्बर,  बहुजन समाज पार्टी के तत्वावधान में राष्ट्र नायक ज्ञान के प्रतीक शोषित पिछड़े अपल्पसंख्यक एवं सर्वसमाज के उत्थान के लिए भारतीय संविधान के निर्माता भारत रत्न परम बोधिसत्व बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर का 67 वां परिनिर्वाण दिवस अलोपीबाग स्थित सरदार पटेल सेवा संस्थान अलोपीबाग में मुख्य जोन इंचार्ज जगन्नाथ पाल की अध्यक्षता में मण्डल स्तरीय श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।

   बहुजन समाज पार्टी प्रयागराज मण्डल के मुख्य जोन प्रभारी पूर्व राज्य सभा व लोकसभा सांसद घनश्याम चन्द्र खरवार ने बतौर मुख्य अतिथि अपने सम्बोधन में कहा कि डा. अम्बेडकर का व्यक्तित्व आसमान से भी ऊंचा था। शिक्षा वो शेरनी का दूध है जो पिएगा वो गुर्रायेगा। आज बहुजन समाज से जो डीएम, एसपी आईएएस, आईपीएस, पीपीएस और अधिकारी, कर्मचारी दिखते हैं वह किसी देवी देवता की बदौलत नहीं बल्कि बाबासाहेब और संविधान की बदौलत हैं। बहुजन समाज की हालात जो भी बदली है सिर्फ शिक्षा की बदौलत बदली है। कुर्मी महाराजा शियाजी गायकवाड़ की बदौलत एक छोटी सी स्कालरशिप के माध्यम से बाबा साहब को विदेश पढ़ने का मौका मिला। बत्तीस डिग्री और नौ नौ भाषाओं के ज्ञाता होने के बावजूद बाबासाहेब के साथ भेदभाव, छुआछूत, ऊंच नीच जैसे कुरीतियों का सामना करना पड़ा। बाबासाहेब का कलेजा ऐसी कुरीतियो से फटा जा रहा था। वे देश के शूद्रों हालात को बदलने का संकल्प लिया। देश के शुद्र जो ढाई हजार पहले जो इस देश के हुक्मरान थे, राजा राजवाड़े थे, शासक थे उन्हें दोबारा हुक्मरान बनाऊंगा यदि ऐसा मैं नहीं कर पाया तो मैं अपने आप को गोली मार दूंगा। बाबासाहेब को भारतीय संविधान बनाने का अवसर मिला उस समय साइमन कमीशन के बदौलत दो सूची बनाई गई एक सूची अनुसूचित जाति के लिए और दूसरी सूची अनुसूचित जनजाति के लिए। तीसरी सूची पिछड़े समाज के लिये बनती किन्तु तत्कालीन पिछड़ा समाज गांधी की चाल में फंस गया था इसलिये नहीं बन पाई। पूरी दुनिया में कहीं भी प्रजातंत्र नहीं था बाबासाहेब ने ढाई हजार साल पहले जब मगध राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र हुआ करती थी जो आज बिहार के नाम से जाना जाता है वहां पर लिच्छिवियों के संघ जिसमें लोकतंत्र था बाबासाहेब भारत के संविधान को पहला प्रजातंत्र ढाई हजार साल पहले के इतिहास को लिच्छिवियों के लोकतांत्रिक संघ के आधार पर बाबासाहेब ने 2 साल 11 माह और 18 दिन में भारतीय संविधान लिखा। बाबासाहेब ने 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा को संविधान सौपते हुए कहा था की जब यह संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू होगा तो राजनीतिक रूप से समानता मिलेगी लेकिन सामाजिक और आर्थिक तौर पर विषमता बनी रहेगी जो भी सरकारें आएंगी वह अपने सत्ता के दौरान सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में यदि समानता हासिल नहीं कर सकी तो समानता से पीड़ित लोग ही संविधान के ढांचे की धज्जियां उड़ा देंगे। वर्तमान समय में राज्य और केंद्र की सत्ता में बैठी भाजपा की सरकार जिसकी सोच मनुवादी व्यवस्था को लागू करने की है जब 1999 में अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व में सत्ता चला रही थी तो भाजपा की सरकार संविधान समीक्षा कमेटी बनाई थी। 1952 से लेकर आज तक सरकारों की एक-एक दिन की समीक्षा की जाए तो सरकार समानता, न्याय, भाईचारा के स्थापत्य के बजाय विरोधी खेमे में खड़ी नजर आएगी क्योंकि उसके इरादे संविधान विरोधी और उसकी समीक्षा की बात करते हैं लेकिन 1999 में जब बहन कुमारी मायावती सांसद थी तो मात्र अपने एक वोट से भारतीय संविधान की समीक्षा करने वालो यानि भाजपा सरकार को गिरा दिया था। बहनजी सदैव यह कहती है   कि जो भी संविधान बदलने की बात करेगा बहुजन समाज पार्टी उसके लिए सड़क पर उतर जाएगी, आंदोलन करेगी, मर जाएगी, मिट जाएगी लेकिन संविधान को मिटने नहीं देगी।

मुख्य सेक्टर प्रभारी अमरेन्द्र बहादुर ने देश की आजादी के पचहत्तर साल बाद भी देश मे भेदभाव छुआछूत, जानवरो से भी बदतर जिंदगी जीने पर बिवस बहुजन समाज को बाबासाहेब और संविधान की बदौलत मान सम्मान और स्वाभिमान की बात की तो दूसरे मुख्य जोन इंचार्ज राजू गौतम बसपा सरकार के दौरान बहनजी द्वारा दिये गए लाखो नौकरियों, जमीन के पट्टे और बैकलाक भर्ती की बात बताई।

श्रद्धांजलि सभा मे सतीश जाटव, घनश्याम पटेल, गुलाब चमार, बाबूलाल भंवरा, अतुल कुमार टीटू, राजबली जैसल, चिन्ता मणि वर्मा, टीकेश गौतम, रमेश पासी, दयाराम पासी, दशरथ पाल, प्रवीण भारती, रविन्द्र गौतम, सुशील गौतम, उदय राज गौतम, दशरथ लाल सरोज, बच्चन लाल, संतोष गौतम, नीरज पासी, राजेश पासी, मो. उमर बैश्य, शीलू शुक्ला, भामे शुक्ला, अमिता अम्बेडकर आदि ने भी अपने विचार रखें। कुशल संचालन जिलाध्यक्ष टीएन जैसल व मंडल सेक्टर इंचार्ज अतुल कुमार टीटू ने किया।

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