जिला मुरैना में फक्कड़ मरघट वाले बाबा के यहां आज आसपास के ग्रामीणों द्वारा हजारों की संख्या में भजन कीर्तन सुनने दूर दूर से लोग एकत्रित हुए।भजन कीर्तन के साथ साथ विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग चार हजार महिला पुरुष व बच्चो ने प्रसाद ग्रहण कर फक्कड़ बाबा से आशीर्वाद लिया।यहां सबसे पहले कन्याओं को भोज कराया गया। जिसके बाद सभी ने प्रसाद ग्रहण किया।
जानकारी अनुसार बता दे कि मुरैना जिले की जौरा तहसील के सुसानी गांव में फक्कड़ वाले बाबा बहुत ही प्रसिद्ध है। इनके दर्शन से या यू कहे कि इनकी शरण में पहुंचने वाले लोगो को दुख दर्द में काफी सुकून महसूस होने लगता है और फक्कड़ वाले बाबा के आशीर्वाद से ही लोगो के बिगड़े काम बन जाते है इसलिए हजारों लोगो की आस्था बाबा से जुड़ी हुई है। ग्रामीणों से आए लोगो का कहना कि बाबा के यहां से अभी तक कोई खाली हाथ नहीं लौटा है।बाबा अपने स्वयं के पैसों से भंडारा करवाकर आए हुए लोगो को प्रसाद ग्रहण करवाते है। प्रति माह फक्कड़ वाले बाबा की तरफ से हजारों लोगो के लिए भंडारे का आयोजन किया जाता है।
ग्रामीणों का कहना है कि एक दिन पूर्व ही भंडारे की तैयारी शुरू हो जाती है। जिसमें महिलाएं व पुरुष सभी शामिल होते हैं। यहां की सबसे खास बात यह है कि पूड़ी व बूंदी सहित खाद्य सामग्री घी में बनाई जाती है। जो भगवान को भोग लगाकर कन्याओं को भोज कराकर भंडारा प्रारंभ किया जाता है। भंडारे में आसपास के लोग हजारों की संख्या में आते है। जिला मुरैना में फक्कड़ मरघट वाले बाबा के यहां आज आसपास के ग्रामीणों द्वारा हजारों की संख्या में भजन कीर्तन सुनने दूर दूर से लोग एकत्रित हुए।भजन कीर्तन के साथ साथ विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग चार हजार महिला पुरुष व बच्चो ने प्रसाद ग्रहण कर फक्कड़ बाबा से आशीर्वाद लिया।यहां सबसे पहले कन्याओं को भोज कराया गया। जिसके बाद सभी ने प्रसाद ग्रहण किया। जानकारी अनुसार बता दे कि मुरैना जिले की जौरा तहसील के सुसानी गांव में फक्कड़ वाले बाबा बहुत ही प्रसिद्ध है। इनके दर्शन से या यू कहे कि इनकी शरण में पहुंचने वाले लोगो को दुख दर्द में काफी सुकून महसूस करते हैं। प्रति माह फक्कड़ वाले बाबा की तरफ से हजारों लोगो के लिए भंडारे का आयोजन किया जाता है।
ग्रामीणों का कहना है कि एक दिन पूर्व ही भंडारे की तैयारी शुरू हो जाती है। जिसमें महिलाएं व पुरुष सभी शामिल होते हैं। यहां की सबसे खाद बात यह है कि पूड़ी व बूंदी सहित खाद्य सामग्री घी में बनाई जाती है। जो भगवान को भोग लगाकर कन्याओं को भोज कराकर भंडारा प्रारंभ किया जाता है। भंडारे में आसपास के लोग हजारों की संख्या में आते है। जिसमें उपस्थित प्रकाश, सोवरन सिंह , सरनाम सिह, राज कुमार, अमर सिह, साहब सिह रामबरन, सुरेंद्र शिक्षक, सुलतान सिह आदि लोगो ने कीमती समय देकर भंडारे को सफल बनाया।
शिव कुमार संवाददाता दैनिक अच्छी खबर मध्य प्रदेश