*देश की आन-वान-शान थे लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल।*
*तुम याद आये बहुत याद आये।* *(देवेंद्र शर्मा देवू)*
भारत को आजादी मिलने के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल ने पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के नाम से मनाया जाता है।सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 में गुजरात प्रांत के नाडियाल में हुआ था, उनके पिता जी झवेरभाई एक साधारण किसान थे, एवं उनकी माता श्रीमती लाडबाई थी। उन्होंने की लगभग 262 रियासतों को भारत को एक राष्ट्र बनने के लिए सरदार बल्लभ भाई पटेल ने काफी पसीना बहाया उन्होंने अपने कार्यकाल में बहुत ही चतुराई और कूटनीतिक के बल पर जूनागढ़ और हैदराबाद जैसी विवादित रियासतों को भारत में मिलाकर बहुत बड़ी उपलब्धि प्राप्त की थी। जिसकी वजह से महात्मा गांधी ने उन्हें लौह पुरुष की उपाधि से अलंकृत किया था। सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर देश में विभिन्न अंचलों में बड़े ही सम्मान के साथ याद किया जाता है।उनकी जयंती पर आज देश भर में रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें हजारों की संख्या में लोग साइकिल और मोटरसाइकिल से भाग लेते हैं।केंद्रीय गृह मंत्रालय सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर *केंद्रीय ग्रहमंत्री विशेष अभियान पदक 2022* की घोषणा करने के लिए तैयार हैं। यह पदक पुलिस सेवा में बेहतर कार्य और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने एवं तनावपूर्ण स्थितियों में अच्छा कार्य करने वालों को दिया जाएगा।हम सभी ऐसे राष्ट्र भक्त लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर उनको नमन करते हैं।रिपोर्ट देवेंद्र शर्मा देवू।
