टीकमगढ़। कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सिंधिया अगर तोप होते तो भाजपा ग्वालियर और मुरैना का महापौर चुनाव क्यों हारती? कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि हमें किसी सिंधिया की जरूरत नहीं है। अगर वे तोप हैं तो भाजपा ग्वालियर और मुरैना महापौर चुनाव क्यों हारी? इसका जवाब दें। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी थी, लेकिन केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने से 15 महीने में ही कमलनाथ की सरकार गिर गई थी।

टीकमगढ़ में मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भाजपा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घेरा। यह भी साफ किया कि इस बार उम्मीदवारों के चयन में स्थानीय चेहरों को महत्व दिया जाएगा। साथ ही कमलनाथ ने प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल की उस बात पर भी मुहर लगा दी कि कांग्रेस प्रदेश में बिना किसी मुख्यमंत्री चेहरे के चुनाव मैदान में उतरेगी। कांग्रेस विधायक दल ही अपने नेता का चुनाव करेगा। जो चेहरा सामने आएगा, वह ही चुनाव जीतने पर मुख्यमंत्री बनेगा। जिन बच्चियों का मुख्यमंत्री ने पूजन किया, उनके ही घर तोड़ने के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि उनके साथ जुल्म हुआ। पैर पूजन किया और फिर उनके मकान तोड़ दिए। यह सिर्फ टीकमगढ़ का मामला नहीं है। शिवराज सिंह चौहान ने पिछले 18 साल में बीस हजार घोषणाएं की हैं। वह सोचते हैं कि अगले सात महीने भी जनता को गुमराह करेंगे।

कमलनाथ ने टिकट वितरण से जुड़े प्रश्न पर कहा कि जहां तक टिकट वितरण की बात है तो स्थानीय नेताओं को महत्व देंगे। राजनीति में बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। राजनीति स्थानीय हो गई है। दस साल पहले, बीस साल पहले की राजनीति अब नहीं है। मैं 42 साल से चुनाव लड़ रहा हूं। मैं जीत रहा हूं। मैं देख रहा हूं कि कितना परिवर्तन है। यह परिवर्तन अगर हम पहचानेंगे नहीं और अपनाएंगे नहीं तो हम सफल नहीं होंगे।

वर्ष 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी और सिंधिया समेत कुछ विधायकों के भाजपा में जाने से सरकार गिर गई। इससे जुड़े सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि मैं भी सौदा कर सकता था। मैं मुख्यमंत्री था। मैं मध्यप्रदेश की पहचान सौदे की राजनीति से नहीं कराना चाहता था। तीन महीने पहले ही सौदेबाजी हो गई थी। विधायक खुद आकर कहते थे कि इतना पैसा मिला। यह हमारी जानकारी के बाहर नहीं था। हमारे पास और विधायक थे।

कमलनाथ ने जातिगत जनगणना को लेकर बहस का समर्थन किया। उन्होंने सवाल किया कि जातिगत जनगणना क्यों नहीं होनी चाहिए? यह महत्वपूर्ण है। हम किस चीज से डर रहे हैं? क्या छिपा रहे हैं? इस पर तो फौरन फैसला होना चाहिए। आज हमारे प्रदेश में कितनी विविधता है, ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड, इन इलाकों में जो विभिन्नता है, वह जनगणना में सामने आ जाएगी।

कमलनाथ ने आरोप लगाया कि हम गौशाला के लिए जो भत्ता देते थे, वह शिवराज सिंह चौहान सरकार ने कम कर दिया है। उन्होंने कहा कि हम 20 रुपये देते थे, यह दो रुपये देते हैं। कई लोगों को तो वह भी नहीं मिलता। हमने जितनी गौशालाएं मध्यप्रदेश में बनवाईं, उतनी तो इतिहास में कभी नहीं बनीं। यह मेरी और जनता की भावना थी और मैंने उसका ही पालन किया था।

कमलनाथ ने दोहराया कि चुनाव जीतकर आने पर पुरानी पेंशन अवश्य शुरू करेंगे। पुरानी पेंशन की आवश्यकता है। भाजपा इस संबंध में दुष्प्रचार कर रही है। अर्थव्यवस्था के बड़े-बड़े जानकारों से लेख लिखवा रही है कि पुरानी पेंशन स्कीम को लागू नहीं करना चाहिए। हम पुरानी पेंशन स्कीम लागू करेंगे।

18 साल का हिसाब दें, मैं 15 महीने का हिसाब दूंगा…

कमलनाथ ने कहा कि चुनाव में हमारा मुद्दा होगा कि शिवराज सिंह चौहान 18 साल का हिसाब दें। मैं 15 महीने का हिसाब दूंगा। हमारा चुनाव भाजपा से नहीं है, उनके संगठन से है। हमारा प्रयास है कि हमारे संगठन को मजबूत करें। पहले बात होती थी कि यह गांव कांग्रेस का है, यह गांव भाजपा का है। अब ऐसा नहीं है। कोई परंपरागत गांव या मकान न तो भाजपा का है और न कांग्रेस का। सबकी अपनी सोच हो गई है।

कमलनाथ ने हनीट्रैप सीडी कांड को लेकर भी अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि मैं उस समय मुख्यमंत्री था तो पुलिस वालों ने सीडी दिखाई थी। पुलिस के पास अब भी होगी। उसे आप (सरकार) देखिये। मैंने तो एक-दो मिनट देखी थी और कहा था कि इसे छोड़िए। इससे मध्यप्रदेश की बदनामी होगी। मेरे लिए आसान था कि उसे ओपन कर दें। मैं ऐसी राजनीति नहीं करता।

शिव कुमार संवाददाता दैनिक अच्छी खबर मध्य प्रदेश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *