जबलपुर: जबलपुर में इन दिनों एक बड़े डिफाल्टर पर नीलामी की कार्रवाई की चर्चा है। जो कि शायद जबलपुर के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी नीलामी होगी। यह बैंक डिफाल्ट भी छोटा मोटा नहीं बल्कि ब्याज की राशि मिलाकर करीब 296 करोड़ रुपए हो चुका है। इतने बड़े डिफाल्टर ने अपना शिकार भी बनाया तो हुडको को।

39 करोड़ का था कर्ज

जी हां, हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने मेसर्स जबलपुर ट्रेजर आयलैंड प्राइवेट लिमिटेड को कर्ज दिया था। कर्ज करीब साढ़े 39 करोड़ रूपयों का था। यह कर्ज साल 2012 में दिया गया था। जिसके बाद यह फर्म हुडको को कर्ज नहीं चुका पाई। साल दर साल ब्याज बढ़ता गया और कुल कर्ज की राशि 295 करोड़ 90 लाख 85 हजार 5 सौ इकहत्तर रुपए हो चुकी है। अब हुडको ने उक्त फर्म की बंधक जमीन की नीलामी का इश्तेहार निकाला है। जिसमें ग्वारीघाट में सुखसागर वैली से लगी हुई 12 हजार 975 वर्ग मीटर जमीन नीलाम की जाएगी।

फरवरी में होगी ऑनलाइन नीलामी

नीलामी की तारीख 17 फरवरी को तय की गई है। बोलीकर्ताओं को ईएमडी जमा करने के लिए 16 फरवरी तक का समय दिया गया है। नर्मदा तट से सटे क्षेत्र में इतने बड़े रकबे के लिए जमीन की नीलामी का आरक्षित मूल्य 64 करोड़ 27 लाख 69 हजार रुपए तय किया गया है। यहीं नहीं बोली लगाने वालों को ईएमडी के तौर पर 6 करोड़ 42 लाख 76 हजार 9 सौ रुपए जमा कराने होंगे। बोली भी हजार या दस हजार रुपए बढ़कर नहीं बल्कि 10-10 लाख रुपए ज्यादा लगाई जा सकेगी। मतलब पहली बोली यदि 64 करोड़, 37 लाख 69 हजार की लगी तो अगली बोली सीधे 64 करोड़ 47 लाख 69 हजार की लगेगी।

बड़ी-बड़ी फर्में हैं बोली लगाने की इच्छुक

हालांकि यह नीलामी फिल्मों में दिखाई जाने वाली नीलामी की तरह नहीं होगी बल्कि ईऑक्शन के जरिए ऑनलाइन बोलियां बुलाकर कराई जा रही है। खासबात यह है कि सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले सफल बोलीकर्ता को नीलामी की पुष्टि होने के तुरंत बाद नीलामी की राशि का 25 फीसदी अमाउंट जमा कराना होगा। अब देखना यह है कि जबलपुर के इतिहास की सबसे बड़ी नीलामी में कौन बाजी मारता है।

शिव कुमार संवाददाता दैनिक अच्छी खबर मध्य प्रदेश

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