ग्वालियर: मध्यप्रदेश की का पहला जैविक हाट बाजार ग्वालियर में बनेगा। 2 एकड़ जमीन पर बनने वाले इस हाट बाजार की स्थापना पर दस करोड़ रुपये खर्च होंगे जिसमें भंडारण कक्ष, कोल्ड रूम और ग्रेडिंग पैकिंग यूनिट समेत जैविक हाट बाजार से संबंधित कई अधोसंरचनाएं उपलब्ध रहेंगी। ये घोषणा उद्यानकी और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह ने एकीकृत बागवानी मिशन योजना के तहत आयोजित हुए 4 दिवसीय किसान सम्मेलन के समापन के बाद मीडिया से बातचीत में कही।

उर्वरकों से लोग हो रहे हैं बीमार और खराब हो रही है मृदा

उद्यानिकी मंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया खराब खान-पान से चिंतित है। शोध से पता चल रहा है कि बीमारियां बढ़ने का सबसे बड़ा कारण सब्जी, फल और फसलों में उपयोग होने वाले केमिकल और फर्टिलाइजर है । अब स्वस्थ्य रहने के लिए हमें फिर से जैविक खेती की तरफ वापस लौटना पड़ेगा। इसीलिए हमने एमपी में जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। जैविक हाट बाजार की कल्पना भी इसीलिए की है इसमें भंडारण की सुविधा भी दी जाएगी।

569 किसान हुए लाभान्वित

ग्वालियर में मेला रोड़ स्थित उद्यानिकी विभाग की शासकीय पौधशाला परिसर में जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और सब्जी और मसाला क्षेत्र के विस्तार के उद्देश्य से आयोजित हुए इस सम्मेलन के आखिरी दिन जनपद पंचायत मुरार के 569 किसानों को लाभांवित कराया गया। समापन दिवस पर आयोजित हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत की अध्यक्ष दुर्गेश कुंवर सिंह जाटव ने की। इस मौके पर जिला पंचायत और जनपद पंचायतों के सदस्यों समेत संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

उद्यानिकी विभाग अपनी देखरेख में कराएगा जैविक उत्पादन

राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार कुशवाह ने बताया कि जैविक खेती की बारीकियां सिखाकर उद्यानिकी विभाग अपनी देखरेख में किसानों से जैविक उत्पादन कराएगा। साथ ही उनके उत्पादों को जैविक हाट बाजार में बिक्री की सुविधा मुहैया कराई जाएंगी। जैविक उत्पादन करने वाले किसानों को विभाग प्रमाण-पत्र भी देगा। उन्होंने कहा कि आम बाजारों से दोगुनी से ज्यादा कीमत पर किसानों की जैविक सब्जी और फल जैविक हाट बाजार में बिकेंगे। इससे न केवल किसानों को फायदा होगा बल्कि ग्वालियरवासियों को भी हैल्थी जैविक उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे।

खाद्य प्रसंस्करण इकाई के लिए 35 प्रतिशत तक अनुदान

उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने किसानों का आह्वान किया कि खेती की आमदनी को दोगुना करने के लिये रबी-खरीफ में उद्यानिकी फसलों की खेती भी करें। साथ ही खाद्य प्रसंस्करण भी अपनाएं। सरकार खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिये 35 प्रतिशत तक अनुदान देती है। जैविक खेती की सामान सौंपा, घर पर दवा और खाद बनाने की विधि भी बताई।

उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह ने किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिये नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटास बनाने वाले जीवाणुओं की किट और वर्मी कम्पोस्ट (केंचुआ खाद) और स्प्रिंकलर समेत कई सामानों की किट किसानों को सौंपी। उन्होंने जिला स्तरीय किसान सम्मेलन में लगाए गए उद्यानिकी और जैविक खेती के स्टॉल का भी जायजा लिया। साथ ही किसानों से रूबरू होकर उन्हें जैविक खेती के फायदे बताए।

किसानों को सिखाई जैविक खाद और कीटनाशक बनाने की विधि

इस मौके पर सहायक संचालक उद्यानिकी एमपीएस बुंदेला, विषय विशेषज्ञों ने जैविक खाद और घर पर ही जैविक कीटनाशक दवाएं तैयार करने की तकनीक सिखाई। किसानों को इसके अलावा टमाटर, भिंडी, मिर्च, लॉकी और गिलकी के बीज फ्री में बांटे।

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