
उत्तर प्रदेश में मदरसों में उच्च स्तरीय पढ़ाई के लिए लखनऊ में मदरसा बोर्ड के चेयरमैन के नेतृत्व में बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में मुख्य रूप से उर्दू अरबी फारसी के अलावा और कौन से विषय मदरसों में पढ़ाया जाएं इस बात पर सुझाव मांगे गए। मदरसा बोर्ड नियमावली 2016 में संशोधन के लिए यह बैठक बुलाई गई थी। बीते दिनों सरकार ने उत्तर प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराया था जिसमें 8491 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त पाए गए जिसकी रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है। इस बैठक में और बिंदुओं पर भी विचार किया गया जैसे शिक्षक एवं कर्मचारियों के परस्पर ट्रांसफर लेकिन साथ में प्रबंधक, प्रबंध समिति तथा प्रधानाचार्य के सगे संबंधियों को दूर रखा जाए। आलिया व फौकानियां में वैकल्पिक अध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी, स्नातक, परास्नातक, शिक्षा स्नातक के साथ इंटर तक उर्दू अनिवार्य की जाएगी, अनुकंपा के आधार पर मृतक आश्रित के लिए परिवेक्षण काल की शर्त को ख़त्म किया जाएगा, शिक्षा स्नातक बी0एड0 के समकक्ष कोर्स शुरू किया जाएगा, शिक्षकों और कर्मचारियों के अवकाश के संबंध में स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा इत्यादि। बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष श्री इफ्तिखार अहमद जावेद, बोर्ड के रजिस्ट्रार श्री जगमोहन सिंह व वक्फ बोर्ड एवं मदरसा बोर्ड में पूर्व में सदस्य रहे श्री सय्यद दिलदार अली साहब के साथ बोर्ड के सदस्य, कई जिलों के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी उपस्थित रहे।